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प्रादेशिक

पंजाब का 2 साल में 1000 मेगावाट सौर बिजली उत्पादन का लक्ष्य

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चण्डीगढ़,पंजाब अपने खेतों, राज्य का लक्ष्य,1,000 मेगावाट सौर बिजली उत्पादन,नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया,पंजाब एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी

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चण्डीगढ़ | पंजाब अपने खेतों से सौर बिजली पैदा करने पर काम कर रहा है। राज्य का लक्ष्य 2017 तक 1,000 मेगावाट सौर बिजली उत्पादन करना है, जो अभी 225 मेगावाट है। राज्य के नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा, “हमारा लक्ष्य 2017 तक खेतों में और छतों पर लगे पैनलों से 1,000 मेगावाट सौर बिजली हासिल करना है।”

मजीठिया ने कहा, “हमने हाल ही में एक योजना शुरू की है, जिसके तहत किसान खेत में 1-2.5 मेगावाट के सौर संयंत्र लगा सकते हैं।” ‘लैंड ऑन लीज’ योजना लांच होने के बाद दो महीने से भी कम समय में किसानों ने 3,500 एकड़ से अधिक भूमि निवेशकों को संयंत्र लगाने के लिए पेश कर दी है। राज्य में सौर बिजली के लिए प्रचुर संसाधन है, क्योंकि यहां साल में 300 दिन धूप खिली रहती है। मजीठिया ने कहा कि इसमें अधिकतर निवेश अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की तरफ से हो रहा है। उन्होंने कहा, “एनआरआई ने 244 करोड़ रुपये के निवेश से 42.30 मेगावाट की परियोजना शुरू की है।”

योजना के तहत पंजाब एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (पीईडीए) से अनुमति मिलने के बाद किसान 30 साल के लिए अपना खेत सालाना 35-50 हजार रुपये किराए पर निवेशकों को लीज पर दे सकते हैं। किराया हर साल पांच फीसदी बढ़ जाएगा। ऐसे खेतों पर किसान कुछ खास फसलों की खेती भी कर सकते हैं। पीईडीए के मुताबिक, एक मेगावाट के लिए पांच एकड़ जमीन और पांच करोड़ रुपये निवेश की जरूरत पड़ती है। बैंक इसके लिए आसानी से ऋण दे सकते हैं। छत पर संयंत्र लगाने के लिए 100 वर्ग फुट जगह चाहिए।

छतों पर पैनल लगाने के लिए नवंबर 2014 में नेट मीटरिंग योजना पेश की गई थी। इसके तहत 1,046 घरों से आवेदन मिले हैं। पंजाब राज्य बिजली निगम लिमिटेड सौर बिजली खरीदेगी। उसने प्रति यूनिट 7.04 रुपये कीमत तय की है। यह दर 25 साल तक इतनी ही रहेगी। अमृतसर के बीस में देश का सबसे बड़ा 7.5 मेगावाट का रूफ टॉप संयंत्र है, जिसे बढ़ाकर 31.5 मेगावाट किए जाने की योजना है और जो तब संभवत: दुनिया में सबसे बड़ी रूफ टॉप योजना हो जाएगी।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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