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बिजनेस

भारतीय उद्यमियों को घरेलू निवेश की जरूरत : बीएसई

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कोलकाता,बंबई स्टॉक एक्सचेंज,एक वरिष्ठ अधिकारी,स्टार्टअप और व्यवसायी परियोजनाओं,सीआईआई द्वारा आयोजित

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कोलकाता | बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उद्यमियों के लिए पूंजी की उपलब्धता को भारत की प्रमुख चिंता बताते हुए कहा कि स्टार्टअप और व्यवसायी परियोजनाओं के विस्तार के लिए भारतीयों द्वारा किया गया निवेश पर्याप्त होगा। बीएसई के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ आशीष चौहान ने यहां सीआईआई द्वारा आयोजित एक समारोह में कहा, “यदि पूंजी बाजारों, बैंकों, निवेश फंडों और अन्य स्थानों पर सात सालों की अवधि में 60 करोड़ डॉलर का निवेश हो जाता है तो भारतीय उद्यमियों को विदेशी निवेश की ओर देखने की जरूरत नहीं होगी।”

उन्होंने कहा कि सोने और चांदी में निवेश निर्थक है, क्योंकि इससे पूंजी बाजारों में विकास नहीं होता। उन्होंने यह भी कहा कि सात साल की अवधि के दौरान 60 करोड़ निवेश से हर साल 1.5 करोड़ नए रोजगार के अवसर सृजित हो सकते हैं। उन्होंने कहा, “नौकरियों का सृजन भारत के लिए एक चुनौती बना हुआ है। इसे समाप्त करने के लिए श्रमबल को कौशल प्रदान करना ही पर्याप्त नहीं होगा। हमें देश में ऐसे उद्यमियों की जरूरत है, जो नौकरियों के नए मार्ग प्रशस्त करें।” चौहान ने कहा कि बीएसई को सिर्फ ट्रेडिंग की तरफ नहीं बल्कि नवोदित कारोबारों के लिए पूंजी सुनिश्चित करने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा, “बीएसई को प्रतिवर्ष 15 करोड़ डॉलर की राशि सुनिश्चित करने की जरूरत है, जिसका लाभ उद्यमी उठा सकें।”

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18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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