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प्रादेशिक

कश्मीर : एक दिन की बारिश में बाढ़ जैसे हालात

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श्रीनगर | कश्मीर में एक दिन की बारिश से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। इसका सीधा संदेश यह है कि पिछले साल आई अप्रत्याशित बाढ़ से राज्य सरकार ने कोई सीख नहीं ली। दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम जिले में दो दर्जन से अधिक गांवों को जलप्लावित करने के लिए सिर्फ एक दिन की मध्यम से भारी बारिश काफी थी, जिससे पुल नष्ट हो गए, चक्करदार मार्ग, स्कूली इमारतें बह गईं तथा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य राजमार्ग बंद हो गए।

अचानक आई बाढ़ के कारण कश्मीर का पहलगाम स्वास्थ्य केंद्र जाने वाला पहाड़ी मार्ग बंद हो गया। श्रीनगर के राजबाग, जवाहर नगर, गोजिबाग और वजीरबाग रिहायशी इलाके के लोगों ने अपने घरेलू चीजों और अमूल्य वस्तुओं को अटारी में रख दिया और रातभर जगकर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से बातें करते रहे। झेलम नदी में जल स्तर संगम तथा दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले तथा श्रीनगर के राम मुंशी बाग में खतरे के निशान को पार कर गई। इसके बाद अधिकारियों ने घाटी में 24 जून की सुबह बाढ़ को लेकर हाई अलर्ट जारी कर दिया। हरि सिंह हाई स्ट्रीट और इसके नजदीकी गोनी खोन बाजारों में पानी भूमिगत तल और कुछ दुकानों में घुसना शुरू हो गया, जिसके बाद दुकानदारों ने मध्यरात्रि को अपने सामानों को हटाना शुरू कर दिया।

25 जून की दोपहर से मौसम में सुधार आना शुरू हुआ और घाटी को छोटी-बड़ी नदियों का जलस्तर घटने लगा। राज्य सरकार नदियों के जलस्तर तो बढ़ता देखती रही, वहीं नदियों तथा जलाशयों के बढ़ते जलस्तर ने यह संदेश दिया कि पिछले साल सितंबर में जम्मू एवं कश्मीर में आई अप्रत्याशित बाढ़ से लेकर हालात में अब तक कोई बदलाव नहीं हुआ है। हाईड्रॉलिक इंजीनियर शौकत अहमद ने आईएएनएस को यहां बताया, “पिछली बार चार दिन की बारिश में वो नहीं हुआ था, जो कि सिर्फ एक दिन की बारिश में हो गया। इसका मतलब है कि हमारे जलाशयों की क्षमता खतरे के स्तर तक घट रही है, इसकी वजह साल दर साल जलाशयों में बढ़ता कीचड़ है।”

प्रशासन जहां अप्रभावित रही, स्थानीय बाढ़ नियंत्रण विभाग के इंजीनियर ने यह दलील दी कि किसी भी तरह की अनहोनी को देखते हुए उन्होंने सैंडबैग रखे हैं और आपातकालीन राहत तथा बचाव प्रबंध किए हैं। वहीं, यहां अधिकांश लोगों का मानना है कि कुछ सरकार ने आपदा प्रबंधन तथा प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए काफी कम काम किया है। सेवानिवृत्त मुख्य इंजीनियर नासिर हुसैन नाराजगी भरे स्वर में कहते हैं, “सरकार ने झेलम नदी के जल स्तर का अध्ययन करने तथा मीडिया के समक्ष बाढ़ संबंधी चेतावनी जारी करने के अलावा कोई काम नहीं किया।”

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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