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लाइफ स्टाइल

आया मानसून, गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानी

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नई दिल्ली| गर्मी और तपन से बेहल लोगों के लिए मानसून की ठंडी फुहार राहत लेकर आती है, लेकिन यही फुहारें गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकती हैं, क्योंकि मानसून अपने साथ कई प्रकार के संक्रमण भी लाता है। यह मौसम मां और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों के लिए प्रतिकूल है। नर्चर आईवीएफ सेंटर में महिला रोग एवं इनफर्टिलिटी उपचार विशेषज्ञ डॉ. अर्चना धवन बजाज का कहना है कि इस मौसम में वातावरण में नमी की वजह से कीटाणु गतिशील हो जाते हैं, जिसकी वजह से डेंगू, मलेरिया, जुकाम, फ्लू, बुखार, त्वचा संक्रमण, फंगस संक्रमण, खाद्य संक्रमण और पानी से होने वाले संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इस मौसम में हैजा और लेप्टोसिरोसिसआदि गंभीर बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है।

डॉ. अर्चना के मुताबिक, लेप्टोसिरोसिस, एक जीवाणु के द्वारा पनपता है जो इंसान या जानवर किसी के भी द्वारा गर्भवती महिला के गर्भ तक पहुंच सकता है। लेप्टोसिरोसिस संक्रमण गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए जानलेवा भी हो सकता है।

इसके अतिरिक्त पेट संक्रमण, डिहाइड्रेशन आदि भी जल जनित रोगों मंे से एक है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को इस मौसम में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।

मानसून में गर्भवति महिला की सुरक्षा के लिए ध्यान रखने योग्य बातें :

-साफ व कीटाणु मुक्त पानी पीएं, स्वच्छ भोजन खाएं

-गर्भधारण के बाद हानिकारक (जंक) खाद्य और पैकेजिंग वाले खाने से दूर रहें, खूब पानी पीएं

-तरल पदार्थों के साथ-साथ आवश्यक सप्लीमेंट भी लें

-गर्भवती महिलाओं उबला हुआ या फिल्टर पानी ही पीएं

-खाना बनाने से पहले सब्जियों को साफ पानी से धो लें, भाप में सिद्ध सब्जियां एक बेहतर विकल्प है

-गर्भावस्था में विटामिन-सी का सेवन अधिक करना चाहिए

गर्मियों में गर्भवती महिलाओं को सिंथेटिक के कपड़े नहीं पहनने चाहिए, क्योंकि सिथेंटिक से बहुत पसीना आता है और गर्मी भी लगती है।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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