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प्रादेशिक

मोदी स्वच्छता चाहते हैं तो वाल्मीकि समाज को करें मजबूत : डॉ. संदीप

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लखनऊ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,सामाजिक कार्यो,सम्मानित डॉ. संदीप पांडेय,रक्षामंत्री

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लखनऊ । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी दलों के साथ अब कई सामाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यो से जुड़ी हस्तियों के भी निशाने पर हैं। मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित डॉ. संदीप पांडेय ने शनिवार को न सिर्फ मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया, बल्कि भाजपा व संघ पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता को लेकर मुहिम चलाई, लेकिन एक हफ्ते ताम-झाम के बाद कामयाबी दूर-दूर तक नहीं दिख रही है। कारण साफ है, जो लोग हाथ में झाड़ू लेकर फोटो खिंचवा रहे हैं, वे धरातल पर कभी झाड़ू लगा ही नहीं सकते।
डॉ. संदीप ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री स्वच्छता चाहते हैं तो उन हाथों को मजबूत करें जो वास्तव से सफाई कार्य से जुड़े हों। इसके लिए जरूरी है कि वाल्मीकि समाज को मजबूत किया जाए। इसके बिना स्वच्छता अभियान को पंख लगना दूर की बात है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि भाजपा व संघ (आएएसएस) को बुद्धिजीवियों की जमात माना जाता है, लेकिन परिस्थितियां बदली-बदली दिख रही हैं। डॉ. संदीप ने रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के बयान को लेकर भी मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया और कहा कि जिस देश का रक्षामंत्री यह कहे कि युद्ध नहीं होने से सेना का सम्मान घटा है, तो समझा जा सकता है कि देश की रक्षा कैसी मानसिकता वाले के हाथ में है।
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती यह कह रही हैं कि संगम पर इसरो जांच करेगा कि वहां सरस्वती थी या नहीं, आखिर क्यों? यह बात कहां से आई? जांच पर करोड़ों रुपये खर्च करने से अगर साबित हो भी जाए कि सरस्वती इलाहाबाद में थी, तो इससे किसको क्या फायदा होगा? डॉ. संदीप ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित) के कार्यो को सराहा, लेकिन यह भी कहा कि केजरीवाल इधर कुछ भटकाव की राह पर दिखने लगे हैं, फिर भी उन पर भरोसा है।  उन्होंने दोहरी शिक्षा नीति पर असहमति जाहिर की और कहा कि एकल शिक्षा नीति के बगैर देश का विकास संभव नहीं है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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