Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

सिर्फ विरोध के लिए विरोध कहां तक जायज है?

Published

on

Loading

मध्‍य एशिया के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा कई मायनों में आशातीय सफलता की कहानी कहता है। विश्‍व में सबसे ज्‍यादा यू‍रेनियम उत्‍पादन करने वाले देश कजाकिस्‍तान से पांच हजार टन यू‍रेनियम की आपूर्ति सहित पांच महत्‍तवपूर्ण समझौते, पुराने व हमारे सबसे भरोसेमंद मित्र रूस से मित्रता की एक नई शुरूआत, ब्रिक्‍स सम्‍मेलन के दौरान आतंकवाद के मुद्दे पर चीन व पाकिस्‍तान को कड़ा संदेश सहित तमाम ऐसी सफलताएं भारत को मिली हैं जिसके चलते इस यात्रा को मोदी की एक और सफल विदेश यात्रा कहा जा सकता है। लेकिन इस यात्रा की सबसे बड़ी सफलता के रूप में मोदी और नवाज शरीफ की रूस के ऊफा में हुई मुलाकात को रेखांकित करना बेमानी न होगा।

मोदी और नवाज की द्विपक्षीय बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों पक्षों ने सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने और मुंबई आतंकवादी हमलों की सुनवाई में तेजी लाने पर भी सहमति जताई। दोनों देशों ने एक-दूसरे की जेलों में बंद मछुआरों को रिहा करने, नई दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक बुलाने, धार्मिक पर्यटन बढ़ाने पर भी सहमति जताई। साथ ही भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) तथा पाकिस्तानी समकक्ष के साथ महानिदेशक स्तर की वार्ता और दोनों देशों की सेना के बीच भी महानिदेशक स्तर की वार्ता की सहमति बनी।

जैसी की उम्‍मीद थी, मुद्दाविहीन कांग्रेस ने इस मुलाकात की भी आलोचना की है। कांग्रेस का कहना है कि जब एक तरफ पाकिस्‍तान सीमा पर अकारण गोलीबारी करके हमारे जवानों को शहीद कर रहा है तो ऐसे में मोदी का नवाज शरीफ से मिलना उचित नहीं था। यह वही कांग्रेस है जिसके शासनकाल में जब सैनिकों की गर्दन काट ली जाती थी तो उनके कर्णधार एक बयान तक नहीं देते थे।

यह सही है कि पाकिस्‍तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ सकता लेकिन यहां यह भी समझना चाहिए कि पाकिस्‍तानी राजनेताओं का कोई वश वहां की सेना पर नहीं चलता। तो ऐसे में पाक सेना की नापाक हरकतों के लिए बातचीत के द्वार बंद नहीं किए जा सकते। जहां तक जवाबी कार्रवाई की बात है तो हमारी सेनाएं इस समय पाकिस्‍तानी सेनाओं को मुंहतोड़ जवाब दे रही हैं, जिसे मीडिया के माध्‍यम से नहीं बताया जा सकता लेकिन सेना के इस बयान कि पाकिस्‍तान को मुंहतोड़ जवाब दे दिया गया है बहुत कुछ समझा जा सकता है।

सबसे बड़ी बात यह है कि कांग्रेस को शायद अभी तक यह समझ में नहीं आ रहा है कि सरकार का किस मुद्दे पर विरोध किया जाय। बेकार के मुद्दों का उठाकर वह जनता की नजरों में और गिरती जा रही है। कांग्रेस को रचनात्‍मक विपक्ष की भूमिका निभाते हुए कम से देश की सुरक्षा से जुड़े मामलों पर संवेदनशीलता दिखानी चाहिए। सरकार को घेरने के लिए मुद्दों की कमी नहीं है।

मुख्य समाचार

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

Published

on

Loading

पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

Continue Reading

Trending