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खेल-कूद

विंबलडन : खिताब के लिए जोकोविक-फेडरर में होगी कड़ी टक्कर

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विंबलडन (लंदन)। वर्ष के तीसरे ग्रैंड स्लैम विंबलडन का पुरुष एकल फाइनल रविवार को स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर और सर्बिया के नोवाक जोकोविक के बीच खेला जाएगा। टेनिस के इतिहास में सर्वाधिक 17 ग्रैंड स्लैम एकल खिताब जीत चुके फेडरर जब ऑल इंग्लैंड क्लब पर जोकोविक के खिलाफ उतरेंगे तो उनका मकसद 2012 से ग्रैंड स्लैम में चले आ रहे अपने खिताबी सूखे को समाप्त करना होगा।

जोकोविक ने जहां फ्रांस के रिचर्ड गास्क्वेट को हराकर फाइनल में जगह बनाई, वहीं फेडरर ने शीर्ष ब्रिटिश खिलाड़ी एंडी मरे को मात देकर जोकोविक से लगातार दूसरे वर्ष फाइनल में भिड़ंत पक्की की। फेडरर के नाम महान अमेरिकी खिलाड़ी पीट सैंप्रास के साथ संयुक्त रूप से विंबलडन में सर्वाधिक सात खिताब जीतने का रिकॉर्ड है। ऐसे में फेडरर के सामने न सिर्फ जोकोविक के हाथों पिछले वर्ष मिली खिताबी हार का बदला चुकाने का मौका है, बल्कि वह कई रिकॉर्ड भी अपने नाम करना चाहेंगे।

33 वर्ष के फेडरर यहां रिकॉर्ड आठवां खिताब जीत जाते हैं तो यह खिताब जीतने वाले वह सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भी बन जाएंगे। दूसरी ओर लगातार तीसरे वर्ष विंबलडन के फाइनल में पहुंचे जोकोविक यहां अब तक दो और कुल आठ ग्रैंड स्लैम खिताब जीत चुके हैं। पिछले वर्ष उन्होंने फेडरर को मात देकर यहां खिताबी जीत हासिल की थी। पिछले पांच वर्षो में ऐसा कोई वर्ष नहीं गया जिसमें जोकोविक ने कोई खिताब न जीता हो। इस वर्ष वह आस्ट्रेलियन ओपन में खिताबी जीत हासिल कर चुके हैं।

दूसरी ओर फेडरर पिछले पांच वर्ष में सिर्फ तीन बार ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिताओं के फाइनल में पहुंचने में सफल रहे हैं, जिसमें से उन्होंने सिर्फ एक, 2012 में विंबलडन में खिताबी जीत हासिल की है। दोनों दिग्गजों के बीच अब तक कुल 39 मैच हो चुके हैं, जिसमें किसी का पलड़ा भारी नजर नहीं आता। एकदूसरे के खिलाफ फेडरर ने 20 जबकि जोकोविक ने 19 जीत हासिल किए हैं। ग्रैंड स्लैम की बात करें तो दोनों खिलाड़ी अब तक 12 बार एकदूसरे से भिड़ चुके हैं, जिसमें दोनों ही खिलाड़ियों के नाम 6-6 जीत है।

खेल-कूद

विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने 16 साल के करियर में विराट इतने आगे निकल गए हैं कि उनके रिकार्ड्स को तोड़ना लगभग नामुमकिन सा लगता है। आज विराट के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे हैं जो आपने शायद पहले कभी नहीं सुनी होगी। आज हम आपको बताएंगे कि मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाजों को डराने वाले विराट किससे डरा करते थे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मैदान पर रिकॉर्ड्स के अंबार लगाने वाले विराट कोहली ने केवल 12वीं तक की ही पढ़ाई की है। क्रिकेट के प्रति दीवानगी के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। विराट ने दिल्ली की ‘विशाल भारती पब्लिक स्कूल’ से पढ़ाई की है। स्कूल की वेबसाइट में भी एल्युमनाई में कोहली का जिक्र है और उनकी तस्वीरें भी लगा रखी है।

दिल्ली के जानेमाने स्कूल में से एक इस स्कूल को कई अवार्ड मिल चुके हैं। विराट का फेवरेट सब्जेक्ट हिस्ट्री था। विराट हमेशा से ही अतीत की बातें सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट था जिसके बारे में सुनकर विराट के पसीने छूट जाते थे। कहा जाता है कि एक बार विराट को मैथ्स में 100 में केवल 3 ही मार्क्स मिले थे।

विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती थी। यह टूर्नामेंट मलेशिया में खेला गया था। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर कोहली ने टीम इंडिया के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था।

 

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