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संसद सत्र हंगामेदार होने के आसार

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नई दिल्ली। केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने भ्रष्टाचार में फंसे अपने मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की कांग्रेस की मांग ठुकरा दी है। इसके साथ ही मंगलवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार बन गए हैं। सरकार की मुश्किलें बढ़ाने के लिए विपक्षी पार्टियां विवादित भूमि अधिग्रहण विधेयक पर भी कोई समझौता न करने पर अड़ी हुई हैं, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सहमति बनाने का सोमवार को आह्वान किया।

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने हालांकि कहा कि विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने संसद के सुचारु संचालन में सहयोग के प्रति आश्वस्त किया है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने यहां एक सर्वदलीय बैठक के बाद मीडिया से कहा, “इस्तीफे का सवाल ही नहीं पैदा होता। किसी ने भी कोई अवैध या अनैतिक काम नहीं किया है।” उन्होंने यह भी कहा कि सुषमा स्वराज ललित मोदी के यात्रा दस्तावेजों के संबंध में आरोपों पर बयान देने को इच्छुक हैं।

बैठक के दौरान, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे पर जोर दिया। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष, आजाद ने कहा कि उन्हें आशा है कि मोदी संसद सत्र के शुरू होने से पहले भ्रष्टाचार के आरोपी मंत्रियों के इस्तीफे की घोषणा करेंगे। आजाद ने कांग्रेस की रणनीति की तरफ इशारा करते हुए कहा, “तब विधेयकों को पारित करना बहुत आसान हो जाएगा।”

कांग्रेस आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी के साथ कथित संबंधों के लिए सुषमा स्वराज और वसुंधरा के इस्तीफे की मांग कर रही है, वहीं व्यापमं घोटाले के लिए शिवराज का इस्तीफा मांग रही है। नायडू ने कांग्रेस की मांग खारिज कर दी। नायडू ने कहा, “कोई भी संसद पर शर्ते नहीं थोप सकता। संसद सर्वोपरि है। विपक्ष जो भी मुद्दे उठाना चाहता है, हम उस पर चर्चा के लिए तैयार हैं।”

लोकसभा में पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक के बाद अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि सभी सदस्यों ने सहयोग के प्रति आश्वस्त किया है और सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। सरकार ने स्पष्ट किया कि अगर कांग्रेस ने उनके मुख्यमंत्रियों से संबंधित मुद्दों पर सवाल उठाया, तो तरुण गोगोई तथा ओमन चांडी सहित वर्तमान तथा अतीत में कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों से संबंधित विवादों पर चर्चा की मांग की जाएगी। केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने उस विदेशी कंपनी के मुद्दे को उठाने की बात कही, जिसने कथित तौर पर एक मंत्री तथा सरकारी अधिकारियों को गोवा में रिश्वत दी थी और इसकी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चांडी तथा वीरभद्र सिंह से संबंधित विवादों को उठाएगी।

इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते हुए भूमि अधिग्रहण विधेयक पर सभी पार्टियों से सहयोग मांगा। उन्होंने कहा, “सभी पार्टियों को विधेयक पर सहयोग करने की जरूरत है।” वहीं विपक्ष ने विधेयक की आलोचना की और इसे औद्योगिक घरानों के लिए भूमि अधिग्रहण का प्रयास करने वाला विधेयक करार दिया, हालांकि सरकार ने आरोपों को खारिज कर दिया। मोदी ने कहा कि संसद का सुचारु संचालन सभी पार्टियों की सामूहिक जिम्मेदारी है। बैठक की समाप्ति के बाद हालांकि यह साफ देखा गया कि विवादास्पद भूमि विधेयक पर सरकार और विपक्ष के बीच मतभेद नहीं मिटने वाला है।

समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता राम गोपाल यादव ने कहा, “समाजवादी पार्टी इसका विरोध जारी रखेगी।” बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, सपा के राम गोपाल यादव, जनता दल (युनाइटेड) के शरद यादव, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सतीश मिश्रा और मार्क्सावादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सीताराम येचुरी सहित अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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