प्रादेशिक
यूपी में गरीबों को अगले साल जून तक आवास उपलब्ध कराने के निर्देश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने सूडा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के निर्धन लोगों को आवास उपलब्ध कराने हेतु विभिन्न आवासीय योजनाओं- आसरा, राजीव आवास तथा बीएसयूपी/आईएचएसडीपी के तहत लगभग एक लाख 17 हजार आवासों में से कम से कम एक लाख आवास आगामी जून, 2016 तक निर्धारित मानक और गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराकर पात्र लाभार्थियों को उपलब्ध करा दिए जाएं। उन्होंने समस्त नगर आयुक्तों को निर्देश दिये हैं कि आगामी एक माह का विशेष अभियान चलाकर शहरों की सफाई सुनिश्चित करायी जाए।
उन्होंने कहा कि शहर के किसी भी क्षेत्र में गंदगी पाये जाने पर सम्बन्धित नगर आयुक्तों सहित सम्बन्धित सफाई अधिकारियों की जिम्मेदारी नियत कर सख्त से सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने कहा कि शहरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना का क्रियान्वयन प्राथमिकता से सुनिश्चित कराकर डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्र कराना सुनिश्चित किया जाये।
मुख्य सचिव मंगलवार को शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में नगर विकास एवं सूडा के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शहरी गरीबों के लिये बुनियादी सेवायें एवं एकीकृत आवास एवं स्लम विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश में बनाये जा रहे 83,417 आवासों को वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही पूर्ण कराया जाये। उन्होंने राजीव आवास योजना के अन्तर्गत निर्माणाधीन 8217 आवासों के सापेक्ष 411 आवास पूर्ण हो जाने के उपरान्त अपूर्ण 7,806 आवासों को भी निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ आगामी अक्टूबर, 2016 तक पूर्ण कराकर पात्र लाभार्थियों को रहने हेतु उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने प्रदेश सरकार की आसरा योजना के अन्तर्गत गरीब लोगों को 26,304 उपलब्ध कराये जाने वाले आवासों में से अभी तक पूर्ण 3,794 आवासों के अतिरिक्त अवशेष आवासों को भी अक्टूबर, 2016 तक पूर्ण कराने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव रंजन ने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अन्तर्गत शहरी आजीविका केन्द्रांे की स्थापना हेतु और उसके संचालन के लिये व्यापक स्तर पर पम्पलेट, मीटिंग, एफ0एम0रेडियो के द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किये जाने के निर्देश दिये। इन शहरी आजीविका केन्द्रों का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के निवासियों को प्रशिक्षित शहरी गरीबों के माध्यम से कुक, मेड, प्लम्बर, ड्राइवर, इलेक्ट्रिशयन, नर्स, हाउसकीपिंग आदि सेवायें उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के चयनित 82 शहरों में से 39 शहरों में शहरी आजीविका केन्द्र का संचालन प्रारम्भ कराया जा चुका है। उन्होंने 39 शहरों में संचालित शहरी आजीविका केन्द्रों की सफलता का मूल्यांकन करने के उपरान्त अन्य छोटे शहरों में भी केन्द्रों का संचालन प्रारम्भ कराने के निर्देश दिये। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अन्तर्गत शहरी बेघरों हेतु आश्रय योजना के अन्तर्गत शहरी बेघरों के लिये 71 शेल्टर होम विभिन्न शहरों हेतु स्वीकृत किये जा चुके हैं, जो भारत सरकार के निर्देशानुसार निर्धारित लक्ष्य 51 से अधिक है। उन्होंने विभिन्न शहरों में स्वीकृत 71 शेल्टर होमों को आगामी सर्दी प्रारम्भ होने के पूर्व अर्थात माह नवम्बर तक निर्माण कार्य पूर्ण कराकर क्रियाशील सुनिश्चित कराया जाये।
बैठक में सचिव नगर विकास श्री एसपी सिंह, विशेष सचिव वित्त वीकेएल श्रीवास्तव, निदेशक सूडा शैलेन्द्र कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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