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अन्तर्राष्ट्रीय

अफगानिस्तान बम विस्फोट में 12 की मौत

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काबुल। अफगानिस्तान के उत्तरी प्रांत फरयाब में बुधवार को एक आत्मघाती बम विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 32 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने मामले की जानकारी दी। प्रांत की पुलिस के प्रवक्ता सैयद मसूद यकूबी ने कहा कि हमला सुबह के समय प्रांत के अलमर जिला स्थित एक बाजार में हुआ।

उन्होंने कहा, “जिस दौरान सुरक्षा बलों का एक काफिला इलाके से जा रहा था, तभी हमलावरों ने विस्फोटकों से लदी एक मोटरसाइकिल में विस्फोट कर दिया।” हमले में मरने वाले ज्यादातर नागरिक हैं। वहीं घायलों को जिला अस्पताल ले जाया गया है। यकूबी ने कहा हमलावर की भी मौके पर ही मौत हो गई। उसने कहा कि हादसे में ज्यादातर घायलों की हालत नाजुक बताई जा रही है। लिहाजा विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। उन्होंने कहा, “इस हमले का संबंध अलमार में ताजा सैन्य अभियानों से हो सकता है, जिसमें कई आतंकवादी मार गिराए गए थे और कुछ घायल भी हुए थे।” अभी तक इस घटना की जिम्मेदारी किसी भी समूह ने नहीं ली है।

फरयाब प्रांत अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से 425 किलोमीटर दूर है। प्रांत में पिछले कुछ सप्ताहों से तालिबान आतंकवादी समूह और सुरक्षा बलों के बीच भारी संघर्ष चल रहा है।

अन्तर्राष्ट्रीय

तनावमुक्त रहना चाहते हैं तो सोशल मीडिया से एक हफ्ते के लिए बना लें दूरी, शोध में हुआ खुलासा

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नई दिल्ली। अगर आप भी तनावमुक्त और चिंतामुक्त रहना चाहते हैं तो सोशल मीडिया साइट्स फेसबुक, वाट्सएप, इंस्टाग्राम से दूरी बना लें। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि एक शोध में ये बात सामने आई है। साइबरसाइकोलॉजी, बिहेवियर एंड सोशल नेटवर्किं ग जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, सोशल मीडिया से मात्र एक सप्ताह की दूरी स्वास्थ्य के लिये बेहतर साबित होती है और इससे तनाव तथा व्यग्रता के लक्षणों में कमी आती है।

बाथ यूनिवर्सिटी के मुख्य शोधकर्ता जेफ लैम्बर्ट ने कहा,हम जानते हैं कि सोशल मीडिया का बहुत इस्तमेाल होता है। इसी वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव को लेकर भी चिंता बढ़ी है। इस अध्ययन के माध्यम से हमने यह जानने की कोशिश कि क्या मात्र एक सप्ताह तक सोशल मीडिया का इस्तेमाल न करने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।

उन्होंने कहा, हमने शोध में पाया कि कई प्रतिभागियों ने मात्र एक सप्ताह तक सोशल मीडिया न इस्तेमाल करने पर अपने मूड को बेहतर पाया और उनमें व्यग्रता के लक्षण भी कम दिखे। इससे पता चलता है कि सोशल मीडिया से एक छोटा सा ब्रेक भी स्वास्थ्य के लिये सकारात्मक हो सकता है।

शोध के लिये 18 से 72 साल की आयु के 154 प्रतिभागियों पर शोध किया गया। इनमें से कुछ को कहा गया कि वे पहले की तरह सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते रहें जबकि कुछ को इसे पूरी तरह बंद करने के लिये कहा गया। शोध की शुरूआत में ही सबके तनाव, चिंता और स्वास्थ्य का स्कोर ले लिया गया था। एक सप्ताह के बाद पाया गया कि जिन प्रतिभागियों ने सोशल मीडिया से दूरी बनाई थी, उनका मानसिक स्वास्थ्य दूसरे समूह के प्रतिभागियों से बेहतर था।

जिन प्रतिभागियों को सोशल मीडिया से दूर रहने के लिये कहा गया था, वे भी औसतन 21 मिनट सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे थे जबकि दूसरा समूह औसतन सात घंटे सोशल मीडिया पर था।

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