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बिजनेस

शेयर बाजार : एफएंडओ परिपक्वता से उतार-चढ़ाव संभव

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मुंबई| देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह वायदा एवं विकल्प (एफएंडओ) सौदों की परिपक्वता के कारण उतार-चढ़ाव देखी जा सकती है। जुलाई महीने के एफएंडओ सौदे गुरुवार 30 जुलाई को परिपक्व होंगे। अगले सप्ताह निवेशकों की नजर कंपनियों द्वारा पेश किए जाने वाले तिमाही परिणामों, संसद के मानसून सत्र के घटनाक्रमों, मानसून की प्रगति, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेश (डीआईआई) के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझान, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और तेल की कीमतों पर भी बनी रहेगी।

मौजूदा कारोबारी साल की प्रथम तिमाही (अप्रैल-जून) के कारोबारी परिणाम जारी करने का दौर जारी है। अगस्त के दूसरे सप्ताह तक शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कंपनियों के परिणाम आते रहेंगे। इस दौरान निवेशक परिणाम के साथ कंपनी प्रबंधन द्वारा की जाने वाली आगामी तिमाहियों की आय की भविष्यवाणी में निवेश के अवसर ढूढें़गे।

सोमवार को अंबुजा सीमेंट और जस्ट डायल, मंगलवार को एचडीएफसी और स्पाइसजेट, बुधवार को यस बैंक, डाबर इंडिया और जेएसडब्ल्यू स्टील, गुरुवार को आईडीएफसी और आईटीसी तथा शुक्रवार को एलएंडटी, आईसीआईसीआई बैंक और सुजलॉन एनर्जी अपनी तिमाही परिणामों की घोषणा करेंगी।

राजनीतिक मोर्चे पर संसद के मानसून सत्र की गतिविधियों पर निवेशकों की नजर रहेगी। गत सप्ताह शुरू हुआ मानसून सत्र 13 अगस्त, 2015 तक चलेगा। भ्रष्टाचार के मुद्दे के कारण संसद के प्रथम सप्ताह में सुधार की दिशा में कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हो सकी। राज्यसभा की चयन समिति ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पर अपनी रिपोर्ट बुधवार 22 जुलाई को सदन के पटल पर रख दी। यह विधेयक लोकसभा में पहले पारित हो चुका है। राज्यसभा में हालांकि सत्ता पक्ष को बहुमत हासिल नहीं है।

आगामी सप्ताह में बाजार की चाल मानसून की प्रगति पर भी निर्भर करेगी। जून-सितंबर के दौरान मानसूनी बारिश देश की अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी के समान होती है, क्योंकि देश की खेती मुख्यत: बारिश पर ही निर्भर करती है। मानसूनी बारिश की स्थिति पर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मुख्य दरों में कटौती करने या न करने की संभावना निर्भर करती है। रिजर्व बैंक चार अगस्त को अगली मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा।

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 23 जुलाई को जारी रपट में कहा है कि देशभर में मानसूनी बारिश दीर्घावधि औसत से सात फीसदी कम रही है। क्षेत्रवार तौर पर पश्चिमोत्तर भारत को छोड़ कर देश के अन्य हिस्सों में भी यह औसत से कम रही है। पश्चिमोत्तर हिस्से में यह हालांकि औसत से छह फीसदी अधिक रही है।

आगामी सप्ताह निवेशकों की निगाह तेल विपणन कंपनियों पर भी रहेगी, जो तेल मूल्यों की समीक्षा करेगी। तेल विपणन कंपनियां हर महीने के मध्य और आखिर में गत दो सप्ताह के आयाति तेल मूल्यों के आधार पर यह समीक्षा करती है। तेल कंपनियां हर महीने के आखिर में गत एक महीने के आयात मूल्य के आधार पर विमान ईंधन मूल्य की भी समीक्षा करती हैं।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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