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बिजनेस

फिलिप्स के मॉड्यूलर स्विच के विज्ञापन में रणबीर कपूर

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नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद कंपनी फिलिप्स की भारतीय इकाई ने बुधवार को कहा कि कंपनी ने अपने 15-20 करोड़ रुपये के विपणन विज्ञापन के लिए अभिनेता रणबीर कपूर को ब्रांड एंबेसडर बनाया है। फिलिप्स 1,900 करोड़ रुपये के मॉड्यूलर स्विच बाजार में प्रवेश कर रही है। फिलिप्स लाइटिंग इंडिया के विपणन प्रमुख सुमित जोशी ने कहा, “भारत का मौजूदा स्विच बाजार करीब 3,500 करोड़ रुपये का है और जिसमें 55 फीसदी हिस्सा मॉड्यूलर स्विच का बताया गया है।”

उन्होंने कहा, “मॉड्यूलर स्विच बाजार 11.7 फीसद की चक्रवृद्धि वार्षिक दर से बढ़ रहा है।” कंपनी ने कहा कि रणबीर कपूर को विपणन अभियान के तहत विज्ञापनों में लिया गया है। सुमित ने कहा, “हमारी टेलीविजन विज्ञापन पर 10-12 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। हमने दो सालों के लिए रणबीर के साथ हमारे अनुबंध का नवीनीकरण किया है।”

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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