नेशनल
याकूब को नागपुर में फांसी, मुंबई में दफनाया गया
नागपुर/मुंबई। मुंबई में 12 मार्च, 1993 को हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के दोषी याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन को गुरुवार को नागपुर केंद्रीय कारागार में फांसी दे दी गई। जिंदगी के लिए उसने फांसी से दो घंटे पहले तक कानूनी लड़ाई लड़ी। सर्वोच्च न्यायालय में गुरुवार तड़के तीन बजे एक अप्रत्याशित सुनवाई हुई, जिस दौरान न्यायालय ने 14 दिनों तक उसकी फांसी टालने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।
याकूब को गुरुवार सुबह 6.35 बजे फांसी पर लटकाया गया। इसके कुछ देर बाद सुबह 7.01 बजे मेडिकल टीम ने उसे मृत घोषित कर दिया और शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया। उसके किसी भी परिजन को जेल परिसर के अंदर स्थित अस्थायी फांसी यार्ड में जाने की अनुमति नहीं दी गई। याकूब को मुंबई की एक विशेष अदालत ने जुलाई 2007 में फांसी की सजा सुनाई थी। 29 अप्रैल को एक विशेष टाडा अदालत के न्यायाधीश ने उसे 30 जुलाई को फांसी देने का वारंट जारी किया था।
वर्ष 1993 के मुंबई विस्फोट मामले के दोषी ठहराए गए 100 लोगों में से केवल याकूब की फांसी की सजा को सर्वोच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था। 11 दोषियों को सुनाए गए मृत्युदंड को बाद में आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया गया था। बम विस्फोट के मुख्य साजिशकर्ता टाइगर मेमन के भाई याकूब मेमन को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अगस्त 1994 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था। जबकि उसके परिवार ने आधिकारिक तर्क को खारिज करते हुए दावा किया था कि उसने 28 जुलाई, 1994 को काठमांडू में नेपाल पुलिस के समक्ष समर्पण किया था।
मेमन की पत्नी राहीन तथा बेटी जुबेदा (21) बुधवार रात नागपुर पहुंच चुके थे और किसी अज्ञात जगह पर थे। तड़के 3.30 बजे के आसपास मेमन को जगाया गया और स्नान करने की अनुमति दी गई और ताजे कपड़े और उसकी पसंद के नाश्ते की पेशकश की गई। उसे नमाज पढ़ने तथा कुरान पढ़ने की सुविधा प्रदान की गई, जिसके बाद आराम करने का थोड़ा वक्त भी दिया गया। चिकित्सकों का एक दल उसकी शारीरिक व मानसिक जांच के लिए पहुंचा और जांच के बाद उसे स्वस्थ बताया, जिसके बाद उसे अस्थायी फांसी यार्ड ले जाया गया। उसे सुबह 6.35 बजे फांसी दे दी गई, जिसके 26 मिनट बाद 7.01 बजे उसे मृत करार दिया गया।
याकूब की फांसी के बाद उसके भाई सुलेमान ने जेल प्रशासन को एक आवेदन पत्र सौंप कर शव सौंपे जाने की मांग की थी, ताकि उसका अंतिम संस्कार मुंबई में किया सके। सुलेमान के आवेदन पर तुरंत कार्रवाई करते हुए सशर्त परिजनों को शव सौंप दिया गया, जिसके बाद शव नागपुर हवाईअड्डे पर लाया गया और वहां से विशेष एंबुलेंस विमान में मुंबई रवाना किया गया। याकूब के शव को माहिम से दक्षिणी मुंबई के मरीन लाइंस के निकट बड़ा कब्रिस्तान में लाया गया। इस दौरान उसके परिजन व भारी तादाद में पुलिसकर्मी मौजूद थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कब्रिस्तान के पास लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई, जिसके बाद मुंबई पुलिस के त्वरित प्रतिक्रिया दल तथा पुलिस आयुक्त राकेश मारिया ने खुद व्यवस्था की निगरानी की।
इससे पहले, याकूब का शव नागपुर से मुंबई लाया गया, जिसके बाद उसे एक एंबुलेंस में रखकर माहिम तथा उसके बाद उसके घर के नजदीक स्थित बिस्मिल्लाह मंजिल इमारत की छत पर रखा गया। अंत्येष्टि के पहले उसके परिजन व सगे संबंधी वहां इकट्ठा हुए और नमाज-ए-जनाजा अदा की। इसके तुरंत बाद शव को बड़ा कब्रिस्तान ले जाया गया, जहां विशेष नमाज-ए-जनाजा अदा की गई और बाद में उसके उसके माता-पिता व परिवार के अन्य सदस्यों के कब्र के पास उसे दफना दिया गया। सर्वोच्च न्यायालय ने याकूब को फांसी दिए जाने से ठीक पहले गुरुवार तड़के तीन बजे हुई एक विशेष सुनवाई में उसकी ओर से दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने 14 दिनों के लिए फांसी टालने का अनुरोध किया था।
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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