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लाइफ स्टाइल

हम खुद बन रहे बालों के दुश्मन

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नई दिल्ली| हम बालों को खूबसूरत दिखाने के लिए उन पर बिना सोचे-समझे नई-नई चीजें आजमाते रहते हैं और खुद अपने बालों के दुश्मन बन जाते हैं। राजधानी दिल्ली की त्वचा रोग एवं बाल विशेषज्ञ सोनिया मंगल ने उन चीजों की ओर ध्यान खींचा है, जिनसे हम अपने बालों के दुश्मन बन जाते हैं :

-स्ट्रेटनर्स का इस्तेमाल : लोग बालों को सीधा करने के लिए बालों पर उनका प्रत्यक्ष प्रयोग करने के आदी होते हैं, लेकिन इससे बालों को नुकसान पहुंचता है। स्ट्रेटनर्स के प्रत्यक्ष प्रयोग से बाल रूखे, बेजान और चिपकू हो जाते हैं।

-जरूरत से ज्यादा कंघी : ऐसा करने से बाल झड़ना भी शुरू हो सकते हैं। गीले बालों में कंघी करने से भी बाल गिरने की समस्या खड़ी होती है।

-रोजाना शैंपू का प्रयोग : प्रतिदिन शैंपू करने से बाल रूखे हो जाते हैं। गलत कंघी का इस्तेमाल भी बाल गिरने का सबब हो सकता है।

-बाल सुखाने के लिए तौलिए का इस्तेमाल : हम अक्सर आए दिन बालों को सुखाने के लिए तौलिया अपनाते हैं। तौलिया बालों की जड़ों को हिलाकर रख देता है, जिससे उनमें रगड़ लगती है और अंतत: वे टूटने लगते हैं।

-खानपान संबंधी अस्वस्थ आदतें : घने और रेशमी बालों के लिए विटामिन ए, सी और ई बेहद जरूरी हैं।

 

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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