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बिजनेस

पीएफ इन्वेस्टमेंट का 5% होगा शेयर मार्केट के हवाले

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नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अगले हफ्ते से कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई को शेयर बाजार के हवाले करने की शुरुआत कर देगा। छह अगस्त को पीएफ जमा का 5% हिस्सा शेयर बाजार में निवेश किया जाएगा। एसोचैम के एक कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय पीएफ कमिश्नर केके जालान ने इसकी पुष्टि की है।

ईपीएफओ के इस कदम से बेहतर रिटर्न हासिल होगा। इससे पीएफ खाताधारकों के हित में नई आकर्षक योजनाएं तैयार करने में मदद मिलेगी। शेयर के भाव गिरने पर इसका रिटर्न भी कम होगा। वहीं खाताधारकों को एक निश्चित राशि मिलने की जगह अनिश्चितता के भाव से गुजरना होगा।

जालान ने कहा कि 6 अगस्त से पूंजी बाजार में पीएफ जमा की निश्चित राशि निवेश करने की तैयारी है। हालांकि कुल कितनी राशि निवेश होगी फिलहाल इसका निर्णय नहीं लिया गया है। वित्त मंत्रालय के निर्देश के मुताबिक ईपीएफओ 15 फीसदी तक निवेश कर सकता है। लेकिन सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने महज पांच फीसदी निवेश को मंजूरी दी है। जालान ने कहा कि ईपीएफओ लंबे समय के लिए निवेश करेगा और लंबे समय के लिए निवेश में अमूमन पूंजी बाजार से सकारात्मक संकेत ही मिलते रहे हैं। इसलिए घाटे की आशंका फिलहाल नहीं है। उन्होंने कहा कि पूंजी बाजार के जोखिम से बेशक इंकार नहीं किया जा सकता है लेकिन पांच फीसदी काफी कम राशि है। उन्होंने कहा कि इस कदम से ईपीएफओ को बेहतर रिटर्न मिल सकेगा। माना जा रहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष में करीब पांच हजार करोड़ रुपये की राशि निवेश की जा सकती है।

जालान ने कहा कि ज्यादातर पेंशन फंड शेयरों में निवेश करते हैं। इसलिए हमने भी शेयरों में निवेश का निर्णय लिया है। यह निर्णय भविष्य में हमारे खाताधारकों के लिए बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि ईपीएफओ ने श्रम मंत्रालय को समय से पूर्व पीएफ निकासी पर कैप लगाने के प्रस्ताव भी दिया है। अगर इसपर सहमति बनती है तो कुल जमा का 75 फीसदी नौकरी में बने रहते हुए निकाला जा सकेगा। शेष 25 फीसदी को 58 साल की आयु पूरी होने के बाद पीएफ खाताधारक को उपलब्ध कराई जाएगी।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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