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पॉर्न पर रोक के बजाय यौन शिक्षा जरूरी : विशेषज्ञ

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नई दिल्ली। सरकार द्वारा 857 अश्लील वेबसाइटों को बंद करने की प्रक्रिया को ‘जल्दबाजी का काम’ करार देते हुए देश के शीष यौन व्यवहार विशेषज्ञों ने भारतीय किशोरों के लिए यौन शिक्षा को अनिवार्य बनाए जाने पर सहमति जताई है, ताकि दुष्कर्म और बाल शोषण जैसे अपराधों पर रोक लग सके।

विशेषज्ञों के अनुसार, वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाना कोई हल नहीं है, क्योंकि वयस्कों को घर में गोपनीय ढंग से पॉर्न देखने का अधिकार है और इस अधिकार को उनसे छीना नहीं जा सकता। मुंबई में रहने वाले भारत के अग्रणी सेक्सोलॉजिस्ट में से एक डॉ. प्रकाश कोठारी ने बताया, “यह कोई हल नहीं है, सेक्स और इससे संबंधित व्यवहार के बारे में युवाओं को शिक्षित करना सरकार के एजेंडे में होना अनिवार्य है।”

संचार और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 31 जुलाई को अपने आदेश में आईटी अधिनियम 2000 की धारा 79 (3)(ख) के तहत 857 वेबसाइटों पर उनकी ‘अनैतिक और अश्लील’ सामग्री के चलते प्रतिबंध लगा दिया है। मुंबई के नानावती सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में मनोचिकित्सक डॉ. माधुरी सिह ने कहा, “एक संदेह यह है कि क्या यह प्रतिबंध पूर्ण हल हो सकता है? यह शायद पायरेटेड पॉर्न डीवीडी की बिक्री में वृद्धि कर सकता है। इस तरह के प्रतिबंध वास्तव में यौन कुंठा व अन्य सामाजिक समस्याओं को बढ़ावा दे सकता है।”

नई दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य व्यवहार और विज्ञान के निदेशक डॉ. पारेख ने कहा, “दुनियाभर में चाइल्ड पॉर्न पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन समस्या ये है कि कुछ वयस्क वेबसाइटों का लिंक है जो चाइल्ड पॉर्नोग्राफी को बढ़ावा दे सकता है और इन लोगों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए।”

ब्रिटेन हुए एक अनुसंधान के अनुसार अगले पांच सालों में ऑनलाइन पॉर्न देखे जाने में 42 प्रतिशत वृद्धि होगी। नई दिल्ली के बीएलके सुपर स्पेशेलिटी अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. मनीष जैन का कहना है कि यौन शिक्षा से वयस्कों में पॉर्न देखने की आदत में कमी आएगी। इसमें माता-पिता का मार्गदर्शन का आ सकता है।

नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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