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कसाब के बाद पहली बार जिंदा पकड़ा गया आतंकी, 2 जवान शहीद

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जम्मू। उधमपुर जिले में बुधवार को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बीएसएफ के एक काफिले पर हमले में शामिल एक आतंकी को पकड़ लिया गया है। पकड़े गए आतंकी का नाम कासिम खान बताया जा रहा है। कसाब के बाद पहली बार किसी आतंकवादी को गिरफ्तार किया गया है। इस हमले में बीएसएफ के दो जवान शहीद हो गए और छह जवान घायल हुए हैं। बीएसएफ की जवाबी कार्रवाई में एक आतंकवादी भी मारा गया।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “आतंकवादियों ने बुधवार को उधमपुर और चेनानी शहर के बीच जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित नरसू नाले पर बीएसएफ के एक काफिले पर गोलियां बरसाईं।” बीएसएफ की जवाबी कार्रवाई के दौरान तीन स्थानीय नागरिकों को बंधक बनाकर एक आतंकी घने जंगल में भाग गया था। पुलिस ने कहा कि इन नागरिकों ने ही आतंकी को जीवित पकड़ने में फोर्स की मदद की। इस आतंकवादी का नाम कासिम खान है उसकी उम्र 22 साल बताई जा रही है और वो पाकिस्तान का रहने वाला है।

अधिकारी ने कहा, “हमले में बीएसएफ के दो जवान शहीद हो गए और एक आतंकवादी भी मारा गया। जबकि बीएसएफ के छह जवान घायल हुए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।” अधिकारी ने यह भी कहा कि वरिष्ठ बीएसएफ अधिकारी और पुलिस अधिकारी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं।

अधिकारी ने कहा कि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए खोल दिया गया है। हर दिन उच्च-प्रौद्योगिकी वाले उपकरण और खोजी कुत्तों की मदद से यह पता लगाया जाता है कि आतंकवादियों ने कहीं कोई विस्फोटक सामग्री न लगाई हो। अधिकारी ने कहा, ” हमले के मद्देनजर हमने राजमार्ग से सटे क्षेत्रों में जांच के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए हैं।” कश्मीर घाटी में सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और सुरक्षाबलों की तैनाती संबंधी काम जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के माध्यम से होते हैं।

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नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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