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प्रादेशिक

आम से भी ज्यादा मुनाफा देगी ‘जलहरिया‘ की पैदावार

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– इफको निदेशक आरपी सिंह और मनीष गुप्ता ने आँवला इकाई का किया दौरा

आँवला इकाई (बरेली)। पानी की सतह पर काई की तरह दिखने वाली खास ‘जलहरिया‘ की पैदावार व्यवसायिक तौर पर की जा सकती है। तेजी से पानी में फैलने वाली यह फसल एक साल में आम की फसल से भी कई गुना ज्यादा मुनाफा दे सकती है। इन तमाम संभावनाओ को तलाशने इफको निदेशक, मानव संसाधन एवं विधि, आरपी सिंह और निदेशक मनीष गुप्ता गुरुवार को दिल्ली मुख्यालय से आँवला इकाई पहुंचे।

वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार माहेश्वरी ने इफको निदेशक आरपी सिंह और निदेशक मनीष गुप्ता का स्वागत किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में वरिष्ठ इफको अधिकारी मौजूद रहे। संयत्र के तकनीकी भवन के सभागार में इस प्रोजेक्ट की बारीकियों को बताने के लिए प्रजेंटेशन पेश किया गया। इस दौरान जानकारी दी गई कि जलहरिया में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जिसका इस्तेमाल खाद्य पदार्थ के रूप में भी किया जा सकता है। हरी काई जैसी समान्य की दिखने वाली जलहरिया की उन्नत प्रजाति विकसित कर देश में प्रोटीन युक्त खाद्य प्रदार्थ कमी को भी दूर किया जा सकता है।

खास तौर पर संयंत्र में बने तालाब से इसकी पैदावार को बढ़ावा मिल सकता है। इसके लिए आँवला इकाई के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार माहेश्वरी ने टीम के साथ संयंत्र का भ्रमण किया। इस अवसर पर इफको गैलरी और आईटी गैलरी को भी देखा गया। वर्मी कम्पोस्ट से तैयार हो रही नीम की पौध का भी टीम ने निरीक्षण किया।

इस अवसर पर इफको निदेशक आरपी सिंह ने कर्मचारियों से भी मुलाकात की। इस अवसर पर महाप्रबंधक जीके गौतम, महाप्रबंधक (वाणिज्य) एके चतुर्वेदी, महाप्रबन्धक (कार्मिक एवं प्रशासन) आरके श्रीवास्तव, संयुक्त महाप्रबंधक (विद्युत) महमूद आलम, संयुक्त महाप्रबन्धक (उपयोगिता) अतुल गर्ग, डॉ. एचएस मिश्रा, रवि अग्निहोत्री, उप महाप्रबन्धक (यूरिया) एसके गुप्ता, राकेश पुरी, अज़ीजुल रहमान, कैप्टन अरुन सामंत, आरडी यादव, आफीसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश रावत, महामंत्री रामसिंह, आंवला इम्पलाइज यूनियन के महामंत्री जितेन्द्र कुमार, अध्यक्ष सुदामा सादव, एके शुक्ला सहित इफको के कई वरिष्ठ अफसर उपस्थित रहे।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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