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नीतीश मांगें माफी तब पीएम से ‘डीएनए’ शब्द वापसी का आग्रह : सुशील मोदी
पटना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डीएनए के संदर्भ में दिए गए बयान को वापस लेने की मांग को लेकर जनता दल (युनाइटेड) जहां ‘शब्द वापसी अभियान’ चला रही है वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने बुधवार को कहा कि पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की जनता से माफी मांगें फिर भाजपा ‘डीएनए’ वाले शब्द वापस लेने के लिए प्रधानमंत्री से आग्रह करेगी।
पटना में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मोदी कहा कि नीतीश ने जीतन राम मांझी, जॉर्ज फर्नाडीज जैसे नेताओं को धोखा दिया है। जिस कांग्रेस के राज में भागलपुर दंगा हुआ, उसी के साथ हाथ मिला लिया। कोशी त्रासदी के पीड़ितों के दिए गए पैसे को लौटाया गया। बिहार की जनता के जनादेश का अपमान किया है। इन सब गलतियों के लिए नीतीश बिहार की जनता से माफी मांगें।
उन्होंने कहा, “अगर नीतीश कुमार अपनी गलतियों के लिए बिहार की जनता से माफी मांग लें तो भाजपा डीएनए की टिप्पणी को वापस लेने पर विचार कर प्रधानमंत्री से शब्द वापस लेने का आग्रह कर सकती है।” उल्लेखनीय है कि जद (यू) ‘शब्द वापसी अभियान’ के तहत डीएनए जांच के लिए 50 लाख लोगों से बाल और नाखून के नमूने एकत्र कर रही है जिसे डीएनए जांच के लिए प्रधानमंत्री को भेजा जाना है।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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