Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में ढाई फीसदी गिरावट

Published

on

Loading

मुंबई| देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह ढाई फीसदी गिरावट रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 2.50 फीसदी या 701.24 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 27,366.07 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 2.57 फीसदी या 218.6 अंकों की गिरावट के साथ 8,299.95 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 शेयरों में से सात में तेजी रही, जिनमें प्रमुख रहे ल्युपिन (4.52 फीसदी), सन फार्मा (4.38 फीसदी), आईटीसी (3.63 फीसदी), हिंदुस्तान यूनिलीवर (1.08 फीसदी) और विप्रो (0.30 फीसदी)।

सेंसेक्स के 23 शेयरों में गिरावट रही, जिनमें प्रमुख रहे वेदांता (11.61 फीसदी), एक्सिस बैंक (8.00 फीसदी), गेल (7.81 फीसदी), हिंडाल्को (7.77 फीसदी) और कोल इंडिया (7.62 फीसदी)।

गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी एक से दो फीसदी गिरावट रही। मिडकैप 2.07 फीसदी या 237.13 अंकों की गिरावट के साथ 11,216.65 पर और स्मॉलकैप 1.33 फीसदी या 156.34 अंकों की गिरावट के साथ 11,610.44 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार 19 अगस्त को 11 आवेदकों को भुगतान बैंक स्थापित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी।

मंगलवार 18 अगस्त को वैश्विक साख रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने अपनी रिपोर्ट में मौजूदा कारोबारी साल के लिए भारत की विकास दर के अनुमान को पूर्व घोषित 7.5 फीसदी से घटाकर सात फीसदी कर दिया। मूडीज ने औसत से कम मानसूनी बारिश की वजह से ग्राम्य अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले नकारात्मक असर के कारण ऐसा किया। कारोबारी वर्ष 2016-17 के लिए हालांकि विकास दर के अनुमान को 7.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।

अमेरिका के फेडरल रिजर्व की ओपेन मार्केट कमिटी की 28-29 जुलाई को हुई मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बुधवार 19 अगस्त को जारी हुए ब्यौरे में ब्याज दर बढ़ाने के समय का कोई उल्लेख नहीं किया गया। इसमें हालांकि कहा गया कि अधिकतर सदस्यों की यह राय है कि वह स्थिति पास आती जा रही है, जिसमें ब्याज दर बढ़ाया जाएगा।

 

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

Published

on

Loading

हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

Continue Reading

Trending