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आरक्षण के लिए पटेलों ने भरी हुंकार, कहा- मांगे नहीं मानी तो नहीं खिलेगा कमल

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अहमदाबाद। गुजरात में पटेल समुदाय ने जाति आधारित आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार को यहां 10 किलोमीटर लंबी क्रांति रैली निकाली, जिसे प्रदेश की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के लिए सीधी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। पटेल (पाटीदार) समुदाय के लोग सोमवार शाम से ही शहर में जुटने लगे थे। लोगों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए पुलिस व जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे।

पाटीदार अनमत आंदोलन समिति (पीएएएस) के संयोजक हार्दिक पटेल ने इससे पहले लगभग 10 लाख से अधिक समर्थकों को जीएमडीसी मैदान में संबोधित किया और संकल्प लिया कि आरक्षण की मांग से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। पटेल ने कहा, “हम यहां भी एक केजरीवाल पैदा कर सकते हैं। यदि आरक्षण की मांग नहीं मानी गई, तो 2017 में कमल (भारतीय जनता पार्टी का प्रतीक) नहीं खिलेगा।” समुदाय की भारी भीड़ की ओर इशारा करते हुए पटेल ने कहा कि पटेल समुदाय ने साबित कर दिखाया है कि यदि उनके हक को देने से इंकार किया गया, तो वे कुछ भी करने में सक्षम हैं।

प्रदर्शन स्थल पर मुख्यमंत्री के आने की मांग करते हुए पटेल ने चेतावनी दी कि यदि पाटीदार अनमत आंदोलन समिति की मांग सरकार ने नहीं मानी तो अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया जाएगा। रैली के जीएमडीसी मैदान से कलेक्ट्रेट जाने से पहले पाटीदार अनमत आंदोलन समिति के ज्ञापन को लेने के लिए अहमदाबाद के जिलाधिकारी राजकुमार बेनीवाल के प्रदर्शन स्थल पर आने की संभावना थी। राज्य भर में पिछले कई दिनों से छोटी-छोटी रैलियां हो रही थीं, जो मंगलवार की महारैली की तैयारी थी। इससे दबाव में आईं प्रदेश की मुख्यमंत्री को मुद्दे पर चर्चा के लिए कैबिनेट की आपात बैठक बुलानी पड़ी।

महारैली के दौरान शहर के आयुक्त शिवानंद झा सहित शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा प्रबंध का जायजा लिया और सुरक्षाबलों को संयम बरतने का निर्देश दिया, वहीं हार्दिक पटेल ने अपने समर्थकों से किसी भी कीमत पर शांति बनाए रखने की अपील की। मंगलवार की रैली में पटेलों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए गुजरात के अधिकांश हिस्सों और पूरे अहमदाबाद में सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान, स्कूल व कॉलेज स्वत: बंद थे। जीएमडीसी से लेकर क्लेक्ट्रेट तक 10 किलोमीटर लंबे मार्च के लिए पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। इस दौरान यातायात में फेरबदल किया गया और मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट सदस्यों की सुरक्षा बढ़ा दी गई।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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