मुख्य समाचार
पीएम मोदी ने महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना की
गया| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को बोधगया पहुंचे और वहां महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने पवित्र महाबोधि वृक्ष की छांव में बैठकर ध्यान भी लगाया। इस मौके पर बड़ी संख्या में बौद्घ भिक्षु मौजूद रहे। प्रधानमंत्री के साथ नई दिल्ली में आयोजित ‘अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू-बौद्घ सम्मेलन’ में भाग लेने वाले कई देशों के प्रतिनिधि भी बोधगया पहुंचे हैं।
बोधगया के महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में मोदी ने भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना की। इसके बाद प्रधानमंत्री ने मंदिर परिसर में स्थित पवित्र महाबोधि वृक्ष के दर्शन किए और उसके नीचे बैठकर ध्यान लगाया। इस दौरान एक प्रार्थना सभा का आयोजन भी किया गया। प्रधानमंत्री ने पूरे मंदिर परिसर में भ्रमण किया और कई ऐतिहासिक चीजों को देखा और उसकी जानकारी प्राप्त की।
मान्यता है कि महाबोधि वृक्ष के नीचे ही भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। महाबोधि मंदिर प्रबंधन समिति के सचिव एऩ दोरजे ने बताया कि ‘अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू-बौद्ध सम्मेलन’ जिसकी शुरुआत दिल्ली में हुई थी, उसका शनिवार के बोधगया में समापन होगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मंदिर परिसर में ही ‘संघर्ष से बचाव और पर्यावरण जागरूकता’ विषय पर विदेशी प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री नव नालंदा महाविहार द्वारा ह्वेनसांग की मगध यात्रा और मगध प्रक्षेत्र के बौद्घ स्थलों की ‘तीर्थ यात्रा और सत्य की खोज’ विषय से लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन करेंगे। प्रधानमंत्री जयश्री महाबोधि विहार में भगवान बुद्ध व उनके शिष्यों के अस्थि अवशेष के दर्शन भी करेंगे। इससे पहले यहां प्रधानमंत्री की अगवानी बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद तथा पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर यादव सहित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेताओं ने की।
राज्य सरकार की तरफ से उनका स्वागत करने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं पहुंचे। राज्य सरकार की तरफ से उनका स्वागत मंत्री श्याम रजक ने किया। गया हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। प्रधानमंत्री के बोधगया आगमन को लेकर नक्सलियों ने शुक्रवार रात से 24 घंटे मगध बंद की घोषणा की है। इसके मद्देनजर गया में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।
नेशनल
मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।
गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।
शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।
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