बिजनेस
लखनऊ गोल्फ क्लब सदस्यों को मिली प्रीपेड कार्ड की सुविधा
प्रीपेड कार्ड से मिलता है नकदी का एक आसान और सुरक्षित विकल्प
लखनऊ। एचडीएफसी बैंक लिमिटेड ने आज लखनऊ गोल्फ क्लब के सदस्यों के लिए एक विशिष्ट प्रीपेड कार्ड पेश किया। क्लब के सदस्य इस कार्ड का इस्तेमाल आसान और सुरक्षित ढंग से सभी तरह के भुगतान के लिए कर सकेंगे। यह कार्ड गोल्फ क्लब के सदस्यों को क्लब परिसर में नकदी रहित भुगतान की सुविधा उपलब्ध करायेगा। इस कार्ड का इस्तेमाल अन्य बहुत से उद्देश्यों से किया जा सकेगाए जैसे पहचान पत्र के रूप में भी और भुगतान के लिए भी। क्लब के सदस्यों की सुविधा के लिए एक ऑनलाइन सेल्फ सर्विस कस्टमर पोर्टल भी बनाया गया है। इस कार्ड को क्लब के काउंटर पर नकद जमा कर या चेक दे कर रीलोड कराया जा सकेगा।
एचडीएफसी बैंक के प्रीपेड कार्ड का शुभारंभ प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल जो कि लखनऊ गोल्फ ग्लब के अध्यक्ष भी हैं, ने किया। इस अवसर पर कैप्टन आदेश सेठ, सुभाष चंद्र, एडीजी उत्तर प्रदेश पुलिस, नितिन चुग डिजिटल बैंकिंग प्रमुख एचडीएफसी बैंक, गुलजार सिंह ब्रांच बैंकिंग प्रमुख एचडीएफसी बैंक, संजीव कुमारए क्षेत्रीय प्रमुख एचडीएफसी और गोल्फ क्लब की प्रबंधन समिति के सदस्य रजनीश सेठी एवं संजय मदान भी उपस्थित रहे।
शुभारंभ के अवसर पर डिजिटल बैंकिंग प्रमुख एचडीएफसी बैंक नितिन चुग ने कहा हम डिजिटल नवोन्मेषों को प्रस्तुत करने के लिए तकनीक का लाभ उठा रहे हैं और अपने ग्राहकों को विश्वस्तरीय बैंकिंग का अनुभव उपलब्ध करा रहे हैं। बीते 10 महीनों में हमने अपने ग्राहकों को कई नये समाधान उपलब्ध कराये हैं। श्री चुग ने आगे कहा एचडीएफसी बैंक कार्ड श्रेणी में बाजार का अग्रणी बैंक बना हुआ है। हमारा मुख्य जोर हमेशा ग्राहक अनुभव में सुधार लाने और ग्राहकों के लिए मूल्यवर्धन पर रहा है। इस कार्ड के शुभारंभ के साथ मुझे भरोसा है कि एलजीसी के साथ हमारी साझेदारी बहुत दूर तक चलेगी और उनके सदस्य वैश्विक मानकों वाले उन्नत तकनीकी समाधानों का लाभ उठा सकेंगे जिनसे उन्हें सुरक्षा भी मिलेगी और अतिरिक्त सहूलियत भी।
इस अवसर पर वरिष्ठक आईएएस अधिकारी नवनीत सहगल ने लखनऊ गोल्फ क्लब और एचडीएफसी बैंक के अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की और इस संबंध के चलते क्लब के सदस्यों को होने वाले फायदों पर रोशनी डाली।
सदस्यों के लिए लाभ
परिसर में नकद खर्च करने या नकद रखने की आवश्यकता नहीं
सभी भुगतानध्रीलोड के बाद रसीद की प्राप्ति
एक ही कार्ड परिचय पत्र के रूप में और भुगतान के लिएए दोनों ही काम में आयेगा
सभी लेनदेन एक पिन से सुरक्षित रहते है। प्रयोक्ता इस पिन को बदल सकते हैं।
अगर कार्ड खो जाये तो प्रयोक्ता किसी भी समय खुद उस कार्ड को ब्लॉक कर सकते हैं
लेनदेन का विवरण पोर्टल से हासिल किया जा सकता है
नकद या बैंकिंग प्रपत्रों से रीलोड संभव है
गलत इस्तेमाल की संभावना कम है क्योंकि इस कार्ड का इस्तेमाल केवल परिसर में हो सकता है। गलत इस्तेमाल की संभावना और भी कम हो सकती है अगर इसमें प्रयोक्ता की तस्वीर हो (आउटलेट पर निर्भर)
क्लब के लिए लाभ
नकदी सँभालने की जरूरत नहीं
फ्लोट (बची राशि) संगठन के पास उपलब्ध
सभी लेनदेन के आँकड़े उपलब्ध
संगठन के पास भविष्य की योजना बनाने, केंद्रों को बढ़ाने-घटाने आदि के लिए आँकड़ों का विश्लेषण करने का विकल्प मौजूद
योजनाएँ/प्रोत्साहन/पुरस्कार संचालित करने की संभावना
निपटान या सेट्लपमेंट के लिए दिन के अंत (ईओडी) का एमआईएस (अगर लागू हो)
वित्तीय लेनदेन को हाथ से लिखने, एकाउंटिंग और दर्ज करने में होने वाले प्रयासों में काफी कमी
क्लब आउटलेट को होने वाले लाभ
छोटी राशियों के लिए खुदरा पैसे रखने की जरूरत नहीं
सभी लेनदेन की इलेक्ट्रॉनिक रूप में समुचित एकाउंटिंग
अलग एकाउंट एंट्री रखने की जरूरत नहीं
18+
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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