बिजनेस
शेयर बाजार : आर्थिक आकड़े, वैश्विक रुझानों पर रहेगी नजर
मुंबई| देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह प्रमुख आर्थिक आकड़े और वैश्विक रुझानों पर निवेशकों की नजर टिकी रहेगी। अगले सप्ताह निवेशकों की नजर मानसून की प्रगति, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेश (डीआईआई) के आकड़ों, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और तेल की कीमतों पर बनी रहेगी। सरकार शुक्रवार 11 सितंबर 2015 को जुलाई 2015 के लिए औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी करेगी। जून में देश की औद्योगिक विकास दर 3.8 फीसदी थी, जो चार महीने का ऊपरी स्तर था।
अगले हफ्ते बाजार की चाल मानसून की प्रगति पर भी निर्भर करेगी, जिसका खाद्य कीमतों और ग्रामीण क्षेत्रों की आय पर महत्वपूर्ण असर होगा। जून-सितंबर के दौरान मानसूनी बारिश देश की अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी के समान होती है, क्योंकि देश की खेती मुख्यत: बारिश पर ही निर्भर होती है। वैश्विक घटनाक्रमों में एशिया के बाजार सोमवार सात सितंबर को अमेरिका में अगस्त महीने के गैर कृषि रोजगार दर के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया करेंगे। अमेरिका में यह आकड़ा शुक्रवार को जारी होगा। निवेशक इनमें रोजगार बाजार की स्थिति का विश्लेषण कर अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दर वृद्धि किए जाने के समय का अनुमान लगाएंगे।
निवेशकों की फेड दर वृद्धि पर टकटकी लगी हुई है, जो करीब एक दशक में पहली बार होगी। फेड की बैठक 16-17 सितंबर को होने वाली है। अमेरिका में श्रम दिवस के अवसर पर सोमवार सात सितंबर, 2015 को बाजार बंद रहेगा। चीन सोमवार सात सितंबर को व्यापार संतुलन आकड़ा जारी करेगा। ब्रिटेन बुधवार नौ सितंबर को जुलाई 2015 के लिए विनिर्माण उत्पादन आंकड़ा जारी करेगा। बैंक ऑफ इंग्लैंड इस बीच मौद्रिक नीति समिति की बैठक करेगा और गुरुवार 10 सितंबर 2015 को ब्याज दर संबंधी फैसले की घोषणा करेगा।
बिजनेस
जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।
NCLT को लगाई फटकार
पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।
शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।
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