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बिजनेस

गोल्ड बांड योजना को मंजूरी

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नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को एक नई गोल्ड बांड योजना और गोल्ड मोनेटाइजेशन योजना को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की हुई बैठक में दोनों योजनाओं को मंजूरी दी गई। गोल्ड बांड योजना के तहत कोई भी व्यक्ति हर साल अधिकतम 500 ग्राम सोने के बराबर मूल्य का बांड खरीद सकेगा, जिसकी लाक इन अवधि 5-7 साल होगी। इस पर एक निश्चित ब्याज भी दिया जाएगा।

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि मोनेटाइजेशन योजना के तहत लोग अपना सोना एक निर्धारित एजेंसी में जमा कर सकेंगे, जिसके लिए उन्हें एक प्रमाणपत्र दिया जाएगा। जेटली ने कहा, “इस पर ब्याज भी देय होगा। इससे भारतीय रिजर्व बैंक के स्वर्ण भंडार में होने वाली कमी की भरपाई होगी।” विश्व स्वर्ण परिषद के मुताबिक, देश में लोगों और संस्थानों के पास करीब 22,000-33,000 टन सोना पड़ा हुआ है। देश को हर साल करीब 850-1,000 टन सोना आयात करना पड़ता है, जिस पर 35-45 अरब डॉलर खर्च होता है।

अधिकारियों के मुताबिक, इन दोनों योजनाओं के तीन फायदे हैं। रत्न और आभूषण उद्योग में तेजी आएगी, स्वर्ण आयात घटेगा और विदेशी पूंजी मुद्रा की बचत होगी। इस साल के आम बजट में दोनों योजना लाने की बात कही गई थी।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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