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प्रादेशिक

कई समस्याओं से छुटकारा दिला सकती है हमारी प्रकृति

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प्रकृति, गंबूसिया मछली, आंचलिक विज्ञान नगरी, प्रोजेक्ट कोआडिनेटर उमेश कुमार, गंबूसिया मछली और पौधा वितरण कार्यक्रम

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लखनऊ। हमारे आसपास प्रकृति में ऐसे तमाम जानकारियां है जिसका उपयोग हमे हमारी तमाम समस्याओं से छुटकारा दिलानें में हो सकता है़, जैसे कि ये गंबूसिया मछली। ये बात आंचलिक विज्ञान नगरी के प्रोजेक्ट कोआडिनेटर उमेश कुमार ने, वहां पर घूमने आये दर्शकों को गंबूसिया मछली और पौधा वितरिण कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर कही।

यह कार्यक्रम आंचलिक विज्ञान नगरी के एक्वेरियम हाउस सहित तमाम और मछली घरों की संचालक संस्था एक्वा वल्र्ड के सहयोग से आयोजित किया गया। उमेश कुमार ने बताया कि विज्ञान नगरी के गेट पर संचालिक सोविनियर शॉप के एक साल पूरे होंने पर एक्वा वर्ल्ड  द्वारा यह व्यवस्था की गयी है कि जो दर्शक अपना टिकट दिखायेंगे उनको प्रति टिकट एक जोड़ा गंबूसिया मछली का दिया जायेगा जिसे अगर वे चाहे तो ऐसे स्थान पर डाले जहां पर पानी जमा हो और मच्छर हों।

मछलियों के जानकार इन्द्रमणि राजा ने बताया कि इस इस मछली का वैज्ञानिक नाम गंबूसिया इफैंस है जिसे लार्वा फिश के नाम से जानते है। उन्होंने बताया कि यह मछली के 24 घंटे में अपने भार का 40 गुना लार्वा खा जाती है। साथ ही इस मछली के मुंह की बनावट भी ऐसी होती है जो पानी के स्तर पर तैर रहे मच्छरों के लार्वा को खा सके। उन्होंने बताया कि यह मछली ईको फ्रैंडली है और इस प्रक्रिया से मच्छरों को मारने के लिए किसी कैमिकल का भी उपयोग से बचा जा सकता है क्योकि मच्छरों को समाप्त करने वाले कीट नाष्कों से मच्छर नही मरते है बल्कि इन रासयनो से तमाम और समस्याए पैदा हो सकती है।

आज कार्यक्रम के दौरान तुलसी, अंगूर, करोटन, आम, अमरूद, आंवला, गेंदा सहित लगभग एक हजार पौधों को भी वितरित किया गया। कार्यक्रम के दौरान लगभग दो सौ स्कूल के बच्चों ने हिस्सा लिया तथा साथ ही राकेश मोहन लाल, केके चटर्जी सहित एक्वा वर्ल्डय के प्रबंधक प्रशासन श्रीमती रोली श्रीवास्तव सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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