प्रादेशिक
विकलांग युवकों के लिए आजीविका संसाधन केन्द्र का उद्घाटन
लखनऊ। भारत की आबादी की 54 प्रतिशत जनसंख्या 25 वर्ष से कम आयु की है। भारत वर्ष में कौशल विकास के प्रशिक्षण एवं कुशल कार्यबल की कमी दौहरी चुनौती है, पारम्परिक रूप से शिक्षित बेरोजगार की बहुत बडी संख्या है। जिसमे विशेषकर विकलांग युवक जो आवश्यक व्यवसायिक कुशलता के बिना उनको रोजगार मिलना एक बहुत बडी चुनौती है। हाल में कौशल विकास और उद्यम शीलता के लिए बहुत कुछ किया गया है फिर भी विकलांग युवको के लिए बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
ज्नसंख्या का बहुत बडा हिस्सा जो विशेषकर बहिस्कृत समूह है जैसे विकलांगजन, दलित, आदिवासी, मुसलमान तथा महिलायें है जिनके आर्थिक एवं सामाजिक विकास के एवं बाधाओं को पार करते हुए नये अवसर जो बाजार के विस्तार से प्राप्त हो रहे है। विकलांगता भेदभाव की खाई को पाटने के लिए कौशल विकास एक महत्पपूर्ण कदम साबित हो रहा है जिसके लिए विभिन्न स्तर पर प्रयास जारी है।
स्पार्क इण्डिया ने इन्ही प्रयासों को अमलीजामा पहनने के लिए पैक्स कार्यक्रम के सहयोग से कौशल विकास तथा रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए आजीविका संसाधन केन्द्र स्थापित करने के लिए भागीदारी की है। यह आजीविका संसाधन विद्या भवन निशातगंज में संचालित है। इसका प्रमुख उद्देश्य आवश्यक व्यवसायिक कुशलता तथा जीवन कौशल के साथ लैस करके उनको आवासीय कौशल रोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाना है।
सफलतापूर्वक प्रशिक्षण से पश्चात उनको रोजगार से जोडना है जिसके अन्तर्गत कम से कम 6 महीने तक उनको रोजगार में रहना में मदद करेगा। इस क्रम में पहला बैच डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुर्नवास विश्वविद्यालय मे चलाया गया जहा 40 में से 28 विकलांग युवक/युवतियो को सफलतापूर्वक प्लेसमेंट दिलाया गया। इस कार्यक्रम का प्रमुख बिन्दु उद्योग जगत के साथ पैरवी करते हुए विकलांगजनों को भेदभाव रहित वातावरण के साथ समेकित कार्य संस्कृति बनाने में मदद लेना है
आजीविका केन्द्र के संसाधन केन्द्र का उदघाटन विकलांगजन विकास विभाग तथा पिछडा वर्ग कल्याण के कैबिनेट मंत्री अम्बिका चौधरी के द्वारा किया गया उनके साथ गणमान्य अतिथि जो उद्योग जगत तथा सरकारी विभागों से थे कि उपस्थिति में किया गया। स्पार्क इण्डिया एक स्वयं सेवी संस्था है जो विकलांग जनों के सम्पूर्ण पुर्नवास के लिए सन् 1996 से सतत् प्रयत्नशील है जिसके अन्तर्गत वर्ष 2003 में ज्योति किरण विद्यालय की स्थापना की शुरूआत मे विशेषकर प्रमस्तिष्क पक्षाघात वाले बच्चों की शिक्षा तथा दैनिक क्रिया कलापों की गतिविद्यियों के प्रशिक्षण हेतु संचालित है अब समेकित शिक्षा के अन्तर्गत समग्र शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रयत्नशील है।
अपने उद्घाटन भाषण में मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री अम्बिका चैधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार विकलांगजनों के सशक्तीकरण के लिए अधिकार आधारित व्यवस्था स्थापित कर रही है जिसके अन्तर्गत सभी योजनाओं तथा कार्यक्रमों को अद्यतन बनाया जा रहा है आज उनकी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रभावी कदम उठाये जा रहे है। संस्था स्पार्क इण्डिया भी इस क्षेत्र में सक्रिय है तथा विभिन्न क्रियाकलापों से अवगत कराती रहती है ताकि सेवाओं को और बेहतर बनाया जा सके।
इसी क्रम में एक समूह के चर्चा का भी आयोजन किया गया जिसका विषय ”विकलांग युवकों के रोजगार के अवसर“
- युवकों के रोजगार की आवश्यकता क्यों ।
- उनके रोजगार को प्रमुख बाधायें/आशंकाये
- सरकार/उद्योग जगत/ स्वैच्छिक संगठनों की उनके रोजगार के अवसरों में भूमिका
स्पार्क इण्डिया के संस्थापक निदेशक अमिताभ मेहरोत्रा जो स्वयं भी प्रमस्तिष्क पक्षाघात से ग्रासित है ने उद्घाटन सत्र में कहा है कि विकलांगजनों के मुद्दों की संवेदनशीलता को दृष्टिगत रखते हुए पिछले 19 वर्षो से विकलांगजनों की शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका सहित समग्र विकास के लिए सतत प्रयत्नशील है
18+
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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