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प्रादेशिक

मुजफ्फरनगर दंगे की रिपोर्ट जल्द हो सार्वजनिक : मायावती

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने मांग की है कि मुजफ्फरनगर में हुए दंगे की रिपोर्ट जल्द से जल्द सार्वजनिक की जाए और दंगे में शामिल दोषियों को सख्त सजा दी जाए। मायावती ने गुरुवार को एक बयान जारी कर न्यायमूर्ति विष्णु सहाय की ओर से राज्यपाल को सौंपी गई दंगे की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की।

मायावती ने अपने बयान में कहा है, “सपा शासनकाल में अगस्त सन् 2013 में हुए भीषण मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक दंगे, जिसमें काफी जान-माल की हानि हुई थी, से संबंधित जस्टिस (सेवानिवृत्त) विष्णु सहाय आयोग की रिपोर्ट को तत्काल सार्वजनिक किया जाए और दोषियों को समय पर सख्त से सख्त सजा दी जाए।”

बसपा मुखिया ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश में भीषण सांप्रदायिक दंगे होते रहे हैं और लोगों की व्यापक जान-माल की हानि होती रही है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगा मामले में सपा सरकार किस प्रकार भाजपाई दंगाइयों के प्रति काफी नरम रुख अपना रही थी और अपराधियों के खिलाफ रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) तक की तामील गंभीरतापूर्वक कानूनी तौर से नहीं करा पाई थी।

मायावती ने आरोप लगाया कि सरकार की लापरवाही की वजह से ही मुख्य आरोपी जेल से रिहा हो गए थे व उनमें से कई बड़े सरकारी पदों पर अब आसीन हो गए। ऐसे में सपा सरकार से निष्पक्ष न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती। उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरनगर में हुए दंगों की जांच करने के लिए बनाए गए जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट बुधवार को ही राज्यपाल राम नाइक को सौंप दी थी।

राज्यपाल को ये रिपोर्ट न्यायमूर्ति विष्णु सहाय (सेवानिवृत्त), अध्यक्ष मुजफ्फरनगर दंगा जांच आयोग ने राजभवन में सौंपी थी। ये दंगे अगस्त 2013 में उप्र के मुजफ्फरनगर में हुए थे। न्यायमूर्ति विष्णु सहाय द्वारा 6 खंडों में 775 पृष्ठों की रिपोर्ट तैयार की कई है। राज्यपाल राम नाइक अब इस जांच रिपोर्ट को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आगे की कार्यवाही के लिए भेजेंगे।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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