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मोदी के संसदीय क्षेत्र में भाजपा से 300 इस्तीफे, पार्टी ने किया खंडन
लखनऊ/वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गणेश प्रतिमा के विसर्जन को लेकर मचे बवाल के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का अंतर्कलह सतह पर आ गया है। सूत्रों की मानें तो यहां करीब 300 लोगों ने भाजपा से सामूहिक तौर पर इस्तीफा दे दिया है। इस बीच पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि कुछ लोग इस्तीफा देने पहुंचे थे, लेकिन अब वे पूरी तरह संतुष्ट होकर लौट गए हैं।
गणेश प्रतिमा के बिसर्जन को लेकर बनारस में कुछ दिनों पहले पुलिस ने संतों पर लाठीचार्ज किया था। इस मामले में भाजपा की महानगर इकाई की निष्क्रियता के विरोध में शनिवार को 300 लोगों ने एक साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया। दरअसल, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी शनिवार को बनारस में थे। इसी दौरान सभी लोगों ने अपना सामूहिक इस्तीफा उनको सौंप दिया। सूत्रों का कहना है कि सभी लोगों का इस्तीफा मंजूर भी कर लिया गया है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बातचीत के दौरान इस मामले में केवल इतना ही कहा कि कुछ लोग उनके पास शिकायत लेकर पहुंचे थे। उन लोगों का कहना था कि गणेश प्रतिमा के विसर्जन के दौरान वाराणसी में संतों पर हुए लाठीचार्ज के दौरान संगठन ने उनका साथ नहीं दिया। वाजपेयी ने कहा, “ऐसा नहीं है। पार्टी इस मामले में पूरी तरह से सक्रिय है। जेल में बंद कई संतों की जमानत कराई गई और कई पर लगाई गई संगीन धाराओं को भी कम कराने के प्रयास में पार्टी जुटी हुई है।”
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के बहकावे में आकर इन लोगों ने इस्तीफा देने की पेशकश की थी। सभी लोगों से आग्रह किया गया है कि उनकी शिकायतों पर विचार किया जाएगा। समझाने के बाद सभी लोग संतुष्ट होकर लौट गए। वाजपेयी ने हालांकि यह भी कहा कि यह सब विरोधियों की साजिश है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पिंडरा से कांग्रेस के विधायक अजय राय के साथ मिलकर कुछ दिनों पहले ही ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन करने का नाटक भी किया था। अब इन्हीं लोगों के उकसाने पर कुछ लोगों ने इस्तीफा देने का कदम उठाया, लेकिन अब वे पूरी तरह संतुष्ट हैं।
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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग
नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।
विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।
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