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मुख्य समाचार

पूरे विश्‍व में नमो-नमो

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सिलिकॉन वैली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश यात्राओं को लेकर तल्‍ख व विपरीत टिप्‍पणी, राजनैतिक दुकानदारी समाप्‍त होने का खतरा, डिजिटल इंडिया व तकनीक

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और अब सिलिकॉन वैली।  विश्‍व के विभिन्‍न भागों में अपनी लोकप्रियता का लोहा मनवाने के बाद अमेरिका की सिलिकॉन वैली ने भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हाथो-हाथ लिया। विश्‍व नेता की तरह हुए भव्‍य स्‍वागत के दौरान जब भावुक क्षण आए तो पूरी दुनिया ने देखा कि विश्‍व के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रधानमंत्री कितने नरम दिलवाला है।

दूसरी तरफ, दुनिया भले ही मोदी के स्‍वागत के लिए पलक पांवड़े बिछा रही हो, भारत में उनकी विदेश यात्राओं को लेकर तल्‍ख व विपरीत टिप्‍पणी करने वालों की कमी नहीं है। सवाल यह है कि 125 करोड़ जनता का प्रतिनिधित्‍व करने वाले राष्‍ट्राध्‍यक्ष के देश हित में किए गए इन दौरों पर सवाल क्‍यों? क्‍या भारत के विपक्षी दलों को यह लग रहा है कि भारतीय युवा के मन में मोदी की छवि निरंतर मजबूत और स्‍थाई होती जा रही है? और यदि ऐसा होता है तो उनकी बेचैनी स्‍वाभाविक है क्‍योंकि इससे उनकी राजनैतिक दुकानदारी समाप्‍त होने का खतरा जो है।

तकनीक से भारत के गांवों को लैस करने की जो योजना पीएम मोदी ने बनाई है यदि वह वास्‍तविक धरातल पर फलीभूत होती है तो देश के विकास का नक्‍शा ही बदल जाएगा। सौ रूपये में से पचासी रूपया देश की आम जनता तक पंहुचने की वास्‍तविकता बीती बात हो जाएगी। देश के विकास को सबसे बड़ी और गहरी चोट भ्रष्‍टाचार ने पंहुचाई है।

आजादी के बाद जितनी भी सरकारों ने देश की हुकूमत संभाली वे सभी देशहित की ही योजनाएं बनाते रहे लेकिन भ्रष्‍टाचार का दैत्‍य उन सभी योजनाओं को खा गया। डिजिटल इंडिया व तकनीक इस भ्रष्‍टचारी दैत्‍य को समाप्‍त करने का सबसे बड़ा हथियार साबित हो सकता है। इसी‍लिए ऐसा भी संभव है कि भ्रष्‍टाचार की बदौलत अकूत संपत्ति अर्जित करने वाले तमाम राजनेता मोदी के उभार को पचा नहीं पा रहे हों।

जो भी हो, वो विरोध करते रहे, हम देशहित में विदेश जाते रहे की तर्ज पर मोदी का वर्तमान दौरा भी भारी निवेश की संभावनाओं की सौगात लेकर आया। अमेरिका के उद्योगपतियों ने भारत में बड़ी धनराशि निवेश करने की इच्‍छा जताई। अब देखना यह होगा कि टीम मोदी इस निवेश को लाने में लालफीताशाही की रूकावट को किस तरीके से कम या समाप्‍त कर पाती है। हम सभी को खुश होना ही चाहिए क्‍यों‍कि यह सिर्फ मोदी की जय-जयकार नहीं है, यह तो पूरे भारत की जय-जयकार है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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