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प्रादेशिक

यादव सिंह प्रकरण : नप सकते हैं कई अफसर

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक मुख्य अभियंता यादव सिंह की अवैध संपत्तियों का मामला सामने आने के बाद प्रदेश की छवि पर पड़े विपरीत प्रभाव से नाराज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव प्राधिकरण के तमाम बड़े अधिकारियों व स्थानीय सपा नेताओं को तलब कर सख्त संदेश दिया है। इसका मतलब साफ है कि आने वाले दिनों में कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। 

सूत्रों के मुताबिक, नाराज मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों से प्राधिकरण के ऐसे सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची मांगी है जो सरकार की साख पर बट्टा लगा रहे हैं।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दिल्ली में प्राधिकरण के अधिकारियों व सपा नेताओं के साथ बैठक भी कर चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री प्राधिकरण अधिकारियों की कार्यशैली से बेहद नाराज दिखे। उन्होंने यादव सिंह प्रकरण को गंभीर बताते हुए ऐसे सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए हैं जो प्राधिकरण में बैठकर अपने स्वार्थ के लिए प्रदेश सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

उन्होंने साफ कहा कि प्राधिकरणों में दागी अधिकारियों व कर्मचारियों को नहीं रहने दिया जाएगा। उन्होंने जिले के सपा नेताओं को भी संदेश दिया कि वह अपने कार्यो के लिए अधिकारियों पर बेवजह दबाव न डालें। अगर कोई पार्टी नेता ऐसी गतिविधियों में लिप्त पाया गया तो पार्टी उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी।

सूत्रों के मुताबिक, प्राधिकरण अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को कई ऐसे स्थानीय नेताओं के नाम बताए हैं जो आए दिन प्राधिकरण अधिकारियों को पार्टी की धौंस देकर अपने उल्टे सीधे काम कराने की पैरवी करते हैं।

बताया जाता है कि इससे नाराज मुख्यमंत्री ने सपा नेताओं को भी फटकार लगाई है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि पार्टी व प्रदेश सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले नेताओं व अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने अधिकारियों से यह जानकारी भी ली कि यादव सिंह प्रकरण सामने आने के बाद क्या कार्रवाई की गई है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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