Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

बोश देश में 650 करोड़ रुपये का निवेश करेगी

Published

on

Loading

बेंगलुरू। वाहनों के कलपुर्जे बनाने वाली जर्मनी की प्रमुख कंपनी बोश लिमिटेड इस साल देश में अपने नवाचार नेटवर्क पर 650 करोड़ रुपये (10 करोड़ यूरो) खर्च करेगी। यह बात कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से मंगलवार को कही। दोनों नेता बोश के संयंत्र का कामकाज देखने उसके परिसर में गए थे।

बोश के एशिया-प्रशांत कारोबार के लिए बोर्ड सदस्य पीटर टाइरोलर ने कहा, “देश में अपनी उपस्थिति मजबूत करने के लिए हम 2015 में 650 करोड़ रुपये (10 करोड़ यूरो) निवेश करना चाहते हैं।” बोश इंडिया के एक अधिकारी ने कहा, “मोदी व मर्केल ने भारत में बोश के कामकाज के तरीके से संबंधित एक पावरपॉइंट प्रजेंटेशन देखा और हमारे नवाचार व व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र का दौरा किया, जहां नवीन परियोजनाओं पर अनुसंधान किया जाता है और हमारे कर्मचारियों के कौशल का विकास किया जाता है।”

प्रशिक्षण केंद्र 1961 में स्थापित किया गया था और तब से अब तक केंद्र ने करीब 2,500 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया है। मोदी और मर्केल ने परिसर में कोई आधिकारिक वक्तव्य नहीं दिया, हालांकि उन्होंने कई प्रशिक्षुओं से बातचीत की। नेताओं ने कंपनी के शीर्ष अधिकारियों से यह भी विचार-विमर्श किया कि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटाइज इंडिया’ के तहत नौकरियों का सृजन करने और निर्यात को बढ़ावा देने में सरकार की कैसे मदद हो सकती है।

जर्मनी से बाहर बेंगलुरू केंद्र और तमिलनाडु का कोयंबटूर केंद्र बोश का सबसे बड़ा विकास केंद्र है। इनमें 12 हजार अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) विशेषज्ञ काम करते हैं। बोश इंडिया के अध्यक्ष स्टीफेन बर्न्सू ने कहा, “मोबिलिटी, अवसंरचना, उद्योग, ऊर्जा और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में हमारे उत्पादों और समाधानों के लिए काफी अवसर हैं। देश में बोश के लिए स्मार्ट विनिर्माण में भी अवसर हैं।”

मौके पर कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई आर. वाला, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार और डी.वी. सदानंद गौड़ा और जर्मनी से आया अधिकारियों और कारोबारियों का विशाल प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद था। देश में बोश के लिए 29 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं। देश में नौ सहायक कंपनियों, 14 विनिर्माण परिसरों, सात विकास और एप्लीकेशन केंद्रों वाले बोश समूह को 2014 में 15,250 करोड़ रुपये की आय हुई थी।

मोदी और मर्केल बोश का दौरा करने के बाद नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसिस कंपनीज (नैसकॉम) और जर्मन फ्राउनहोफर इंस्टीट्यूट द्वारा ‘डिजिटाइजिंग टुमॉरो टुगेदर’ पर आयोजित एक सम्मेलन में शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल (61) तीन दिवसीय दौरे पर रविवार को भारत आई हैं।

Continue Reading

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending