अन्तर्राष्ट्रीय
म्यांमार का 8 सशस्त्रबलों के साथ शांति समझौता
नेपेडा।म्यांमार सरकार ने गुरुवार को यहां शांति समझौते में शामिल पंद्रह जातीय सशस्त्र समूहों में से आठ के साथ देशव्यापी संघर्ष विराम संधि (एनसीए) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते से करीब छह दशक तक चले नागरिक संघर्ष के खत्म होने के आसार हैं। इस समझौते पर स्थानीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में म्यांमार अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में हस्ताक्षर हुए।
इन आठ समूहों में कायिन राष्ट्रीय संघ, कायिन राष्ट्रीय लिबरेशन आर्मी-शांति परिषद, ऑल बर्मा स्टूडेंट्स डेमोक्रेटिक फ्रंट और चीन नेशनल फ्रंट (सीएनएफ) शामिल हैं।
सरकार की ओर से राष्ट्रपति यू थेन सीन, उप राष्ट्रपति साई मौक खम और यू नाइन तून व अन्य मौजूद थे।
अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में से संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ (ईयू), चीन, भारत, थाईलैंड और जापान के प्रतिनिधियों ने शिरकत की।
इस अवसर पर आठ सशस्त्रबल समूहों की ओर से उनके नेताओं ने शिरकत की।
राष्ट्रपति यू थेन सेन ने हस्ताक्षर समारोह में इस आयोजन को ऐतिहासिक एवं महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि म्यांमार में भावी शांति का मार्ग अब खुल गया है।
उन्होंने कहा, “शांति के बिना सुधार नहीं हो सकता। देश में चिरस्थाई और सतत शांति अकेले संघर्षविराम से हासिल नहीं की जा सकती।”
उन्होंने जटिल मुद्दों से निपटने और संघर्ष विराम को मजबूत बनाने के लिए राजनीतिक विचार-विमर्श का आह्वान किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि जो बाकी के समूह एनसीए पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार नहीं हैं, सरकार उन्हें इस प्रक्रिया से जोड़ने के प्रयास करेगी।
राष्ट्रपति के मुताबिक, सशस्त्रबल संघर्षो को रोकने के लिए संयुक्त संघर्ष विराम जांच समिति और राजनीतिक विचार-विमर्श के लिए संघ शांति वार्ता संयुक्त समिति के गठन के बाद इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
औपचारिक रूप से एनसीए पर हस्ताक्षर के बाद 60 दिन के भीतर राजनीतिक ढांचे का खाका तैयार किया जाएगा और उसके 90 दिनों के भीतर राजनीतिक वार्ता शुरू हो जाएगी।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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