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‘कुल्लू दशहरा’ में पशु बलि अब बंद

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कुल्लू (हिमाचल प्रदेश)। पिछले वर्ष उच्च न्यायालय के प्रतिबंध लगाने के बाद से अपने खास दशहरे के लिए विश्वविख्यात कुल्लू जिले में धार्मिक रीति-रिवाज के नाम पर पशु बलि अब बंद हो गई है। एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

उपायुक्त राकेश कंवर ने एक बयान में कहा, “सितंबर 2014 में उच्च न्यायालय के पशु बलि पर प्रतिबंध लगाने के बाद से अब तक इसकी एक भी घटना नहीं देखी गई है।” कंवर ने कहा कि प्रशासन ने पशु बलि रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं और देव समाज (देवों के प्रतिनिधि) भी अदालत के आदेश का पालन कर रहे हैं।

परंपरा के मुताबिक, कुल्लू दशहरा के समापन दिवस पर एक भैंस, एक भेड़, एक केकड़े और एक चूजे की बलि देने की प्रथा थी। इस वर्ष कूल्लू घाटी में दशहरा पर्व की शुरुआत 23 अक्टूबर को होगी। कंवर ने बताया कि पिछले साल कुल्लू दशहरा पर्व प्रतिबंध लगने के तुरंत बाद था लेकिन फिर भी स्थानीय प्रशासन ने देव समाज को देवों को खुश करने की अपनी पुरानी प्रथा को भूल जाने के लिए मना लिया था।

कंवर ने कहा कि पिछले 350 वर्षो से भी अधिक में पिछले साल पहली बार ऐसा हुआ, जब किसी पशु की बली नहीं दी गई। प्रतीकात्मक बलि के तौर पर एक नारियल फोड़कर प्रथा को निभाया गया था। ‘पेरेन्स पैट्री’ (कानूनी रूप से अपनी रक्षा करने में असमर्थो की रक्षा के लिए राज्य प्रशासन को अनुमति देन वाला नियम) के तहत न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर की पीठ ने माना था कि पशु और पक्षियों की बलि देने की प्रथा घिनौनी और नृशंस है। न्यायपीठ ने यह कहते हुए मंदिरों में पशु बलि पर प्रतिबंध लगा दिया था कि देवताओं को खुश करने के लिए किसी जीव की हत्या की इजाजत नहीं दी जा सकती।

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नेशनल

हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा -“पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री”

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राजस्थान। राजस्थान के भीलवाड़ा में बुधवार (6 नवंबर) से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पांच दिवसीय हनुमंत कथा शुरू हुई. यहां बागेश्वर सरकार अपने मुखारविंद से भक्तों को धर्म और आध्यात्मिकता का संदेश देंगे. छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में तेरापंथनगर के पास कुमुद विहार विस्तार में आरसीएम ग्राउंड में यह कथा हो रही है.

इस दौरान बागेश्वर धाम सरकार ने भी मेवाड़ की पावन माटी को प्रणाम करते हुए सबका अभिवादन स्वीकार किया. हनुमंत कथा कहते हुए बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने हिंदू एकता और सनातन जागृति का संदेश दिया.

उन्होंने कहा, “हनुमानजी महाराज की तरह भेदभाव रहित होकर सबको श्रीरामजी से जोड़ने के कार्य से प्रेरणा लेते हुए सनातन संस्कृति से छुआछूत जातपात के भेदभाव को मिटाना है. अगर हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा. व्यास पीठ पर आरती करने का हक सभी को है. इसी के तहत भीलवाड़ा शहर के स्वच्छताकर्मी गुरुवार को व्यास पीठ की आरती करेंगे.”

हिंदू सोया हुआ है

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वर्तमान समय में हिंदू की बुरी दशा है। कुंभकर्ण के बाद कोई सोया है तो वह हिंदू सोया है। अब हिंदुओं को जागना होगा और घर से बाहर निकलना होगा। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे तन में जब तक प्राण रहेंगे तब तक हम हिंदुओं के लिए बोलेंगे, हिंदुओं के लिए लड़ेंगे। अब हमने विचार कर लिया है कि मंच से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि हमें ना तो नेता बनना है ना किसी पार्टी को वोट दिलाना है। हम बजरंगबली की पार्टी में है, जिसका नारा भी है- जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं।

 

 

 

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