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रेल नीर घोटाला तो सिर्फ ट्रेलर, पूरी पिक्चर अभी बाकी

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बुलेट ट्रेन का सपना देख रहे देश के लिए रेल नीर घोटाला किसी कुठाराघात से कम नहीं है। इस मामले में सीबीआई ने जिस तरह रेलवे के दो वरिष्ठ अधिकारियों और एक व्यवसायी को गिरफ्तार किया, उससे साफ संकेत है कि यह तो सिर्फ एक ट्रेलर है, पूरी पिक्चर अभी सामने आना बाकी है। ये भ्रष्ट अफसर ऐन सरकार की नाक के नीचे रेल नीर घोटाले को अंजाम देते रहे। सीबीआई अगर न चेतती और 13 जगहों पर छापेमारी कर इस घोटाले से पर्दा न उठाती तो करोड़ों ट्रेन यात्रियों के स्वास्थ्य और खून-पसीने की गाढ़ी कमाई से खिलवाड़ यूं ही जारी रहता।

रेलवे बोर्ड के आदेश के मुताबिक रेल नीर की बोतलें आईआरसीटीसी से प्राइवेट सप्लायरों को 10.50 रुपए प्रति बोतल कीमत पर मिलती है जबकि इन सप्लायरों को यात्रियों को ये बोतलें 15 रुपए प्रति बोतल के हिसाब से बेचना तय किया गया है। मगर कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार से सराबोर इन अधिकारियों ने प्राइवेट सप्लायरों से 6-7 रुपए कीमत वाली पानी की बोतलें खरीदकर ट्रेनों में बेचना शुरू कर दिया। इन बोतलों के पानी की शुद्धता की भी कोई गारंटी नहीं होती थी। इस तरह रेल यात्रियों के स्वास्थ्य से खुलेआम खिलवाड़ होता रहा।

कर्मचारियों की संख्या के लिहाज से देश के सबसे बड़े सरकारी विभाग में भ्रष्टाचार का यह पहला मामला नहीं है। रेलवे टेंडरों में भ्रष्टाचार के कारण कुछ सालों पहले होने वाले खूनखराबे की घटनाएं अब भी जेहन में ताजा हैं। फर्क केवल इतना है कि भ्रष्टाचार अब व्यवस्थित रूप ले चुका है। अब तो ‘घूस देते पकड़े गए और घूस देकर छूटने’ की परिपाटी सी चल पड़ी है। ऐसे माहौल में हमारे पीएम की ‘न खाऊंगा और न खाने दूंगा’ घोषणा पर निश्चित ही चोट पहुंचती है। वैसे भी ट्रेनों के टॉयलेट में गंदगी से लेकर घटिया व बेस्वाद खाने तक की असुविधाओं की सूची काफी लंबी है। सुरक्षा का सवाल अलग से यात्रियों को परेशान करता है। लखनऊ-नई दिल्ली के बीच चलने वाली गोमती एक्सप्रेस में जीआरपी के सामने ही शोहदों द्वारा युवतियों से खुलेआम छेड़छाड़ का मामला इसका ताजा उदाहरण है।

ऐसे माहौल में रेलमंत्री सुरेश प्रभु किस तरह भारतीय रेलवे को ऊंचाइयों तक ले जा पाएंगे, ये कोई नहीं जानता। वैसे कुछ लोग तर्क दे सकते हैं कि इतने बड़े विभाग में इतना छोटा-मोटा घोटाला तो ‘चलता रहता है’ लेकिन ध्यान रहे कि इसी ‘चलता रहता है’ के रुख ने देश का बेडागर्क किया है। न कानून का डर और न सजा का, खुलेआम भ्रष्टाचार को अंजाम देने वालों की जड़ें गहरी होती जा रही हैं। इससे निश्चित ही निपटना होगा।

इस घोटाले से साफ है कि निजी पूंजी के सहयोग से रेलवे का कायाकल्प का सपना देख रहे रेलमंत्री प्रभु अभी मूलभूत मुद्दों पर ही फोकस कायम रखने की जरूरत है। रेलवे को जल्द कार्रवाई की औपचारिकता से आगे बढ़कर विभाग को ऐसे भ्रष्ट तत्वों से मुक्त करने का अभियान शुरू करना होगा।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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