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नेशनल

भारत-अफ्रीका के रिश्तों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा पर सुषमा का जोर

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नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को कहा कि भारत और अफ्रीकी देशों के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र लोगों तक उत्कृष्ट और सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं और दवाओं को पहुंचाना है।

सुषमा ने तीसरे भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन की मंत्रिस्तरीय बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा, “हम चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों के प्रशिक्षण के महत्व को समझते हैं। सस्ती जेनेरिक दवाओं के इस्तेमाल और परंपरागत औषधियों के इस्तेमाल के महत्व को भी मान्यता देते हैं।” सुषमा ने कहा कि बीते कई सालों से इबोला और एचआईवी/एड्स जैसी बीमारियों से मुकाबले के लिए अफ्रीका को दिए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों में भारत की सक्रिय भागीदारी रही है।

उन्होंने कहा कि पूरे अफ्रीका में फैले ई-नेटवर्क के जरिए भारत और अफ्रीका के कई सुपर स्पेशलिटी अस्पताल एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। सुषमा ने कहा कि भारत और अफ्रीका के बीच कृषि, आधारभूत ढांचे, शिक्षा, कौशल विकास, ऊर्जा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में भी सहयोग की काफी गुंजाइश है। सुषमा ने कहा कि लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण की दिशा में काम करने के मामले में भी भारत और अफ्रीका प्रतिबद्ध हैं। इस संबंध में उन्होंने कन्या शिक्षा पर आधारित ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान का जिक्र किया।

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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