अन्तर्राष्ट्रीय
भारतीय बुजुर्ग ने धमकी नहीं दी थी : अमेरिकी पुलिस
वाशिंगटन| अमेरिका के अलबामा में दो पुलिस अफसरों ने गवाही दी है कि उनके साथी एक पुलिस अफसर के हाथों प्रताड़ना सहने वाले भारतीय बुजुर्ग ने पुलिस को किसी तरह की धमकी नहीं दी थी। सुरेशभाई पटेल नामक यह बुजुर्ग अपने पौत्र की देखभाल करने अमेरिका आए थे। यहां आने के कुछ दिन बाद ही उन्हें एक पुलिसवाले एरिक पार्कर के हाथों जुल्म का शिकार होना पड़ा था।
एक निर्णायक मंडल द्वारा इस मामले में सर्वसम्मत फैसला नहीं देने के बाद मामले की फिर से सुनवाई हो रही है। इसी के तहत दो पुलिस अफसरों की बुधवार को गवाही दर्ज की गई।
मैडिसन के पुलिस अधिकारी चार्ल्स स्पेन्स ने हंट्सविले अदालत से कहा कि पटेल ने किसी तरह की धमकी नहीं दी थी।
ए वन डॉट कॉम के अनुसार, आधिकारी क्लिंट हारेल ने कहा, “पटेल का कोई आपराधिक व्यवहार ऐसा नहीं था, जिसे दर्ज कराया जाए।” उन्होंने कहा कि संदेह का कोई ऐसा आधार नहीं था जो पटेल के गिरहबान पर हाथ डालने को मजबूर करता।
स्पेन्स ने बताया कि एक पड़ोसी ने पुलिस को फोन किया कि एक ‘अश्वेत आदमी’ मैडिसन में घरों के पास घूम रहा है और गैरेजों में झांक रहा है।
स्पेन्स ने कहा कि जब वह घटनास्थल पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि पार्कर ने पटेल को पकड़ा हुआ है। स्पेन्स ने कहा कि पटेल ने खुद को छुड़ाने के लिए अधिकारियों को धक्का नहीं दिया था।
सहायक अमेरिकी अटार्नी राबर्ट पोजी ने स्पेन्स से पूछा, “क्या आपने कुछ ऐसा देखा था जिससे लगे कि बल का प्रयोग जरूरी है?” जवाब में स्पेन्स ने कहा, “नहीं, सर।”
बचाव पक्ष ने दलील दी हुई है कि पटेल ने अपना हाथ अफसर के पास से हटाया था और ऐसा लगा था कि वह जेब से हथियार निकालने जा रहे हैं।
पटेल का भी बयान बुधवार को दर्ज हुआ। वह व्हीलचेयर से अदालत पहुंचे। उन्होंने गुजराती में अपनी बात कही, जिसे अनुवादक ने अंग्रेजी में अनुवाद किया।
पटेल ने कहा, “मैं वहां अपने पौत्र के साथ खेलने गया था। 10 से 11 घर तक चला था, लेकिन किसी के अहाते में नहीं गया था।” पटेल की बात से लगा कि वह फुटपाथ पर चल रहे थे।
पटेल ने कहा कि कोई चीखा था और वह रुक गए थे। पुलिस आई तो उन्होंने कहा भी ‘नो इंग्लिश’ और ‘इंडियन’। उन्होंने घर की तरफ इशारा कर ‘माई हाउस’ भी कहा था। उन्होंने भागने की कोशिश नहीं की थी।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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