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बिजनेस

भारत के जीडीपी में आईपीएल-8 का 11.5 अरब रुपये का योगदान :बीसीसीआई

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भारत के जीडीपी, आईपीएल-8, 11.5 अरब रुपये का योगदान, बीसीसीआई

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नई दिल्ली| भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने शुक्रवार को कहा कि इस साल हुए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आठवें संस्करण ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 18.2 करोड़ डॉलर (11.5 अरब रुपये) का योगदान दिया है। बीसीसीआई ने भारत की अर्थव्यवस्था में आईपीएल के जरिए उत्पन्न आर्थिक प्रभाव के सर्वेक्षण का पता लगाने के लिए केपीएमजी खेल सलाहकार समूह को नियुक्त किया था। आईपीएल 2015 में आठ टीमों ने 44 दिनों में देशभर के 12 शहरों में 13 स्थानों पर कुल 60 मैच खेले। बीसीसीआई ने अपने बयान में कहा कि इस टूर्नामेंट में अधिक से अधिक 193 क्रिकेट खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया और कुल 17.1 लाख दर्शकों ने ये मैच देखे।

बीसीसीआई ने कहा, “भारत में आईपीएल मैचों से जुड़ा कुल आर्थिक उत्पादन का अनुमान 26.5 अरब रूपये लगाया गया है। आईपीएल मैचों की मेजबानी से राज्य की अर्थव्यवस्था में मूल्य और राजस्व को बढ़ावा मिलता है।” सर्वेक्षण के अनुसार, आईपीएल के मैच कई तरह से भारत की अर्थव्यवस्था को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं। टूर्नामेंट के कारण पर्यटन विकास से फायदा और विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मिलते हैं। आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला ने कहा, “यह बात काफी प्रेरणादायक है कि आईपीएल के कारण भारत की अर्थव्यवस्था पर इतना सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हम आईपीएल के आगामी सत्रों के माध्यम से इन मानकों को फिर से परिभाषित करने और भविष्य के प्रयासों के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए तत्पर हैं।”

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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