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प्रादेशिक

डीआईजी जेल्‍स को मिलेगी मनमाफिक तैनाती!

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लखनऊ, प्रदेश के कारागार विभाग, तबादलों के नाम पर वसूली, डीआईजी जेल्स की तैनाती, प्रदेश मे पंचायत चुनाव की प्रक्रिया

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आरपी सिंह को लखनऊ-कानपुर, शरद को आगरा व यादवेन्द्र शुक्ला को गोरखपुर मे तैनाती मिलने की उम्मीद

मतदान खत्म होते ही जारी हो गया वरिष्ठ अधीक्षक केदार नाथ का तबादला आदेश

राकेश यादव

लखनऊ। प्रदेश के कारागार विभाग में तबादलों के नाम पर वसूली का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। पंचायत चुनाव के लिये जारी की गई चुनाव अचार संहिता समाप्त होते ही अफसरों को नये स्थान पर तैनाती दी जाने लगी है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि एक दो दिन मे मोटी रकम देकर मनमाफिक परिक्षेत्रों में भी डीआईजी जेल्स की तैनाती कर दी जायेगी।

पिछले करीब एक माह से प्रदेश मे पंचायत चुनाव की प्रक्रिया चल रही थी। चुनावी प्रक्रिया मे किसी प्रकार का व्यवधान न होने पाये इसके लिये राज्य निर्वाचन आयोग ने अचार संहिता लागू कर रखी थी। चार चरणों मे सम्पन्न हुये चुनाव के लिये अन्तिम चरण का चुनाव 30 अक्टूबर को कराया गया। मतदान प्रक्रिया पूरी होते ही प्रदेश का कारागार महकमा तबादलों को लेकर सक्रिय हो गया है। मतदान पूरा होने के तुरन्त बाद कारागार विभाग के सचिव एसके रघुवंशी ने इसी तरीख मे विभाग के एक अफसर का तबादला आदेश जारी कर दिया। आगरा परिक्षेत्र (जेल) मे डीआईजी पद पर तैनात केदार नाथ को सुप्रीम कोर्ट के आदेष पर रिवर्ट कर वरिष्ठ अधीक्षक बनाया गया है। विवादों के चलते पूर्व में ंरिवर्ट हुए अधिकारी की तैनाती के बाद किन्ही कारणों से वरिष्ठ अधीक्षक केदारनाथ की तैनाती नही हो पाई थी।

सूत्रों का कहना है कि इस रिवर्ट अधिकारी ने मनमाफिक जनपद की जेल की तैनाती के लिये जेल मंत्री के निजी सचिव से साठ-गाठ कर रखी थी। अचार संहिता लग जाने की वजह से इनकी नये स्थान पर तैनाती नही हो पाई थी। सूत्र बताते है कि वरिष्ठ अधीक्षक केदार नाथ को एक बानगी भर है। विभाग के डीआईजी जेल ने भी मनमाफिक परिक्षेत्रों (रेंज) में तैनाती के लिये जेल मंत्री के निजी सचिव को एडवांस मे मोटी रकम दे रखी है। बताया गया है कि गोरखपुर पऱिक्षेंत्र एवं कारागार मुख्यालय में तैनात डीआईजी जेल आरपी सिंह लखनऊ परिक्षेत्र के लिये तो लखनऊ परिक्षेत्र एवं मुख्यालय के डीआईजी शरद कुलश्रेष्ठ आगरा परिक्षेत्र के लिये एवं कारागार मुख्यालय मे अटैच डीआईजी यादवेन्द्र शुक्ला गोरखपुर एवं बनारस परिक्षेत्र मे तैनाती के लिये प्रयासरत है।

बताया गया है कि प्रदेश के कारागार विभाग मे डीआईजी जेल की संख्या कम होने की वजह से एक-एक डीआईजी को दो दो परिक्षेत्र का काम दिये जाने की कार्रवाई की जा रही है। विभागी अफसरो मे चर्चा है कि इन डीआईजी की एक दो दिन मे तैनात किया जा सकता है। इस बाबत जब आईजी जेल डीएस चौहान से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने इसे शासन का मामला बताते हुए कुछ भी कहने से मना कर दिया जबकि जेल मंत्री बलराम यादव इस प्रकरण मे कुछ भी बोलने से बचते नजर आये।

 

 

 

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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