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मुख्य समाचार

मोदी की रैली के मद्देनजर अलगाववादी नेता नजरबंद, सुरक्षा एजेंसियों ने कड़ी की सुरक्षा

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श्रीनगर। कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी की प्रस्तावित ‘श्रीनगर मिलियन मार्च’ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली एक ही दिन सात नवंबर को है। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों के लिए सुरक्षा का पुख्ता बंदोबस्त बड़ी चुनौती बन गई है। गिलानी ने लोगों को बड़ी संख्या में ‘श्रीनगर मिलयन मार्च’ में शामिल होने को कहा है। मीरवाइज उमर फारूक, मुहम्मद यासीन मलिक, आसिया अंद्राबी और अन्य अलगाववादी नेताओं ने गिलानी के आह्वान का समर्थन किया है। रैली में अलगाववादी नेताओं को व्यवधान उत्पन्न करने से रोकने के लिए प्रशासन ने 30 अलगाववादी नेताओं और कार्यकर्ताओं को घर में नजरबंद कर दिया है। गिलानी जहां मुख्य शहर से दूर हैदरपुरा के अपने घर में नजरबंद हैं, वहीं यासीन मलिक, शबीर अहमद शाह, मुहम्मद नयीम खान, शौकत अहमद बख्शी और अन्य को भी घर में नजरबंद किया गया है।

पुलिस महानिदेशक के. राजेंद्र कुमार ने मोदी के रैली स्थल पर सुरक्षा स्थिति का भी जायजा लिया। खुफिया विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में सुरक्षा का जिम्मा संभालने के लिए विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) की एक टीम सोमवार को पहुंच गई।” सैकड़ों पुलिसकर्मी, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान, राज्य और केंद्रीय खुफिया एजेंसियां प्रधानमंत्री की रैली के सुरक्षा इंतजामों को पुख्ता करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

राज्य में एक मार्च को पीपुल्स डेमोकट्रिक पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठबंधन वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद से घाटी में प्रधानमंत्री की यह पहली रैली है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “रैली में आने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दर्जनों सीसीटीवी कैमरे, खोजी कुत्ते व मोबाइल निगरानी बंकरों का इंतजाम किया गया है।”

हालिया दिनों में कश्मीर घाटी में विभिन्न स्थानों का दौरा कर रहे मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने लोगों से मोदी की रैली में बड़ी संख्या में शामिल होने का आह्वान किया है। सईद ने कहा कि प्रधानमंत्री का सात नवंबर को दौरा राज्य में ऐतिहासिक बदलाव लाएगा। राज्य सरकार को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री राज्य के लिए 90,000 करोड़ रुपये के एक संपूर्ण समावेशी आर्थिक पैकेज की घोषणा करेंगे।
कश्मीर में दल के मामलों के प्रभारी, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने रैली में लोगों की शिरकत सुनिश्चित करने के लिए दो दिन पहले मुख्यमंत्री और दल के नेताओं से मुलाकात की।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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