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नेशनल

मोदी की यात्रा के दौरान बंद रहेगा जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग

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जम्मू| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सात नवंबर को प्रस्तावित जम्मू एवं कश्मीर दौरे के मद्देनजर सुरक्षा प्रबंध के तहत जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद रहेगा, जिसकी लंबाई करीब 300 किलोमीटर है। एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि मोदी की जम्मू एवं कश्मीर यात्रा के दौरान सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने के लिए इस राजमार्ग को बंद करने के साथ-साथ आवागमन पर भी कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं, घेराबंदी मजबूत की जा रही है और उच्च तकनीकी उपकरणों की मदद से तलाशी ली जा रही है।

एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने बताया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रामबन जिले में बगलीहार दौरे को देखते हुए सुरक्षा उपायों के तहत सात नवंबर को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात सुबह से शाम तक बंद रहेगा।”

अधिकारी ने बताया कि उस दिन वीवीआई यातायात को निर्बाध बनाने के लिए बगलीहार के नजदीक चंदरकोट में एक अतिरिक्त हेलीपैड भी बनाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर सुरक्षा बलों की नींद उड़ी हुई है, वे दिन-रात तैयारियों में जुटे हैं।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले इस तरह की तैयारियां होना आम बात है, लेकिन जम्मू एवं कश्मीर में अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ती है।”

मोदी अपने इस दौरे के दौरान रामबन जिले के बगलीहार में बगलीहार विद्युत परियोजना के 450 मेगावाट के दूसरे चरण का उद्घाटन करेंगे। वह बगलीहार में शहीद अमरनाथ भगत कौशल विकास संस्थान का भी उद्घाटन करेंगे।

प्रधानमंत्री सात नवंबर को सबसे पहले श्रीनगर पहुंचेंगे, जहां शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में वह एक जनसभा को संबोधित करेंगे। यहां वह राज्य के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा कर सकते हैं।

 

उत्तर प्रदेश

वाराणसी में साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद, सभी मंदिरों से हटाई जाएंगी मूर्तियां

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वाराणसी। वाराणसी में इस समय साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद छिड़ गया है। ब्राह्मण सभा नाम का संगठन मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमा हटाए जाने के लिए मंदिरों से अपील का रहा है। जानकारी के अनुसार अब तक 14 मंदिरों से सांई बाबा की मूर्ती हटा ली गई है।

बता दें कि, ब्राह्मण सभा नाम के संगठन का कहना है कि, साईं बाबा की प्रतिमा की पूजा प्रेत पूजा है। इसलिए इसे मंदिर से हटाया जाना चाहिए। वहीं कुछ लोग ब्राह्मण सभा का विरोध भी कर रहे हैं।

दल के सदस्य अजय शर्मा के अनुसार काशी में सिर्फ काशीपुराधि बाबा विश्वनाथ ही पूजनीय हैं। शहर के कई शिव और गणेश जी के मंदिरों में अज्ञानतावश लोगों ने साईंबाबा की प्रतिमा स्थापित कर दी। इससे शिवभक्तों में नाराजगी है। दल ने नगर के ऐसे मंदिरों के महंतों से अपील किया है कि साईं की मूर्ति को ससम्मान मंदिर परिसर से हटवा दें। जल्द ही अगस्त्यकुंडा और भूतेश्वर मंदिर से साईं प्रतिमा हटेगी।

स्मृतिशेष द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने जीवन काल में महादेव और हिन्दू धर्म के मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि हिन्दू मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करना देवी-देवताओं का अपमान करने जैसा है। साईं फकीर और अमंगलकारी थे और उनकी पूजा से आपदाएं आती हैं। साईं बाबा हिंदू नहीं थे और उनकी पूजा को बढ़ावा देना हिन्दू धर्म को बांटने की साजिश है। श्री अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने भी कहा कि शास्त्रों में कहीं भी साईं की पूजा का वर्णन नहीं है, इसलिए अब मंदिर में स्थापित मूर्ति हटाई जा रही है।

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