Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

मंत्री का विभाग बदलते ही जेल अफसरों के चेहरे खिले

Published

on

लखनऊ, कैबिनेट मंत्री बलराम यादव, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, कारागार विभाग , माध्यमिक शिक्षा का विभाग, कैबिनेट मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया, प्रदेश का नया कारागार मंत्री

Loading

पूर्व जेल मंत्री के निजी सचिव की उगाही से त्रस्त थे अफसर
राकेश यादव
लखनऊ। कैबिनेट मंत्री बलराम यादव से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कारागार विभाग छीनकर उन्हें माध्यमिक शिक्षा का विभाग सौंपा। यादव के स्थान पर पंजाब से आये नये कैबिनेट मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया प्रदेश का नया कारागार मंत्री बनाया गया है। मुख्यमंत्री के इस कथन से पूर्व कारागार मंत्री के निजी सचिव की अवैध वसूली से त्रस्त जेल अफसरों के चेहरे खिल गये है। पूर्व मंत्री के कार्यकाल में तबादलों से लेकर निलंबन तक के लिए अफसरों से जमकर वसूली की गयी इससे अफसरों में खासी नाराजगी दिखने को मिल रही थी।

बुधवार की शाम प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीती 31 अक्टूबर को मंत्रिमण्डल का विस्तार किया था। इस विस्तार में मुख्यमंत्री ने पंजाब के वरिष्ठ नेता बलवंत सिंह रामूवालिया को अपनी कैबिनेट में स्थान दिया था। मंत्रिमण्डल के विस्तार होने बाद चौथे दिन मुख्यमंत्री ने नये मंत्रियों समेत विभाग छीने गये मंत्रियों के मंत्रियों को नये सिरे से विभागों का आवंटन किया गया। इसमें सपा के वरिष्ठ नेता बलराम यादव से कारागार विभाग वापस लेकर उन्हें माध्यमिक शिक्षा विभाग का मंत्री बनाया गया। कारागार विभाग की जिम्मेदारी नये कैबिनेट पंजाब से आये बलवंत सिंह रामूवालिया को सौंपी गयी।

युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इस परिर्वतन से प्रदेश की जेलों पर तैनात जेल अफसरों में खुशी की लहर दौड़ गयी है। अफसरों की माने तो कि पूर्व कारागार मंत्री के कार्यकाल में उनके निजी सचिव द्वारा जेल अफसरों का जमकर शोषण किया गया। स्थानान्तरण सत्र के दौरान अफसरों से नये जनपदों के तैनाती के लिए मनमाफिक उगाही की गयी। इस उगाही से जेल अफसरों में खासा आक्रोश व्याप्त था। मामला विभागीय मंत्री से जुड़ा होने के कारण शोषण होने के वाजूद इस गम्भीर मसले पर चुप्पी साधे हुये थे। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के कई करीबी जेल अफसरों ने इसकी शिकायत नेताओं के जरीये मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का प्रयास किया था। अटकलें लगायी जा रही है कि इन्हीं शिकायतों के चलते सपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व कारागार मंत्री का विभाग बदला गया है। उधर जब नवनियुक्त कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया से सम्पर्क करने की कोशिश की गयी तो पता चला कि राज्य भवन में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गये है।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending