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अन्तर्राष्ट्रीय

ब्रिटिश बीमा कंपनियां भारत में 23.80 करोड़ पाउंड निवेश करेंगी

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लंदन।  ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाकर 49 फीसदी करने के भारत के निर्णय का स्वागत किया है और कहा है कि इसके परणामस्वरूप ब्रिटिश बीमा कंपनियां अपने भारतीय संयुक्त उपक्रमों में लगभग 23.80 करोड़ पाउंड निवेश कर रही हैं।

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कैमरन ने यहां मुलाकात की और कई सारे मुद्दों पर चर्चा की।

कैमरन ने कहा कि कई ब्रिटिश बीमा कंपनियों ने भारत में अपने संयुक्त उपक्रमों में अपने निवेश बढ़ाने के लिए कई सारे समझौतों की घोषणा की है।

दोनों प्रधानमंत्रियों की बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है, “इन समझौतों को यदि विनियामकीय मंजूरी मिल गई तो ये लगभग 23.80 करोड़ पाउंड के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश होंगे।”

बयान में कहा गया है, “इससे भारतीय बीमा और पुनर्बीमा क्षेत्रों में जारी विकास में मदद मिलेगी। ये क्षेत्र सतत आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने में प्रमुख तत्व हैं।”

बीमा विधेयक के पारित होने से भारत में लंदन के लॉयड की उपस्थिति और लॉयड के विशेषज्ञ पुनर्बीमा सेवाओं की स्थानीय पहुंच सुनिश्चित कराने का रास्ता साफ हुआ है।

ब्रिटेन के जीवन बीमा, गैर जीवन बीमा कंपनियों के भारत में संयुक्त उपक्रम हैं।

ब्रिटेन स्थित स्टैंडर्ड लाइफ, बूपा एंड एविवा को विनियामकीय मंजूरी मिलने के बाद ये अपने भारतीय संयुक्त उपक्रमों में 23.80 करोड़ पाउंड का निवेश करेंगी।

इसके अतिरिक्त प्रूडेंशियल एंड लीगल एंड जनरल, और बीमा ब्रोकर हाउडन, विलिस व जेएलटी भारत में अपने कारोबार लगातार बढ़ा रहे हैं।

भारतीय बीमा विनियामक बीमा क्षेत्र में पहले के 26 प्रतिशत एफडीआई सीमा को बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने के कानूनी प्रवाधानों को प्रभावी बनाने के नियम बनाने की प्रक्रिया में है।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत में एचएसबीसी के ‘स्किल्स फॉर लाइफ’ पहल का स्वागत किया है। एक करोड़ पाउंड के इस कार्यक्रम के तहत 75,000 वंचित युवाओं और बच्चों को कुशल बनाया जाएगा।

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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