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प्रादेशिक

मनमाफिक कमीशन न मिलने पर हटाए गए प्रभारी!

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कमीशन विवाद, हटाये गये नजारत प्रभारी, महानिरीक्षक कारागार, कारागार मुख्यालय, बुजुर्ग बाबुओं की टंकण परीक्षा का मामला

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आईजी जेल की कार्रवाई से अफसरों मे मची खलबली
गोरखपुर व मुख्यालय का कार्य देख रहे डीआईजी को सौपा प्रभार
राकेश यादव
लखनऊ। महानिरीक्षक कारागार की तानाशाही से कारागार मुख्यालय के अधिकारियों में खलबली मची हुई है। खरीद-फरोख्त मे कमीशन तय होने के कारण विभाग के मुखिया ने करीब 20 वर्ष से आधुनिकीकरण (नजारत) का काम देख रहे प्रभारी अधिकारी को हटा दिया। चर्चा है कि मनमाफिक कमीशन न मिलने से नाराज होकर आईजी जेल ने यह कार्रवाई की है। दिलचस्प बात तो है कि हटाये गये अधिकारी का काम उस अधिकारी को सौप दिया गया जो पहले से ही काम के बोझ से दबा हुआ है। विभाग के मुखिया का यह कदम अधिकारियों के चर्चा का विषय बना हुआ है इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही है।

कारागार मुख्यालय मे अभी बुजुर्ग बाबुओं की टंकण परीक्षा का मामला शांत नही हो पाया था कि एक नया मामला प्रकाश मे आ गया है। मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश की जेलो मे अपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिये मोबाइल जैमर, सीसीटीवी, मैटर डिटेक्टर, वाकी-टाकी, सरीखे अत्याधुनिक उपकरण खरीदने की जिम्मेदारी नजारत अनुभाग की होती है। पिछले करीब 20 साल से यह काम विभाग के एक शोध अधिकारी को सौपा गया है।

सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनो सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश देकर जेलो मे सीसीटीवी लगाये जाने की बात कही। इस निर्देश के बाद हरकत मे आये प्रदेश के कारागार विभाग ने इसकी कागजी खानापूर्ति प्रारम्भ की। नजारत विभाग के प्रभारी शोध अधिकारी ने इस कवायद मे पूर्व मे जेलो मे लगाने के लिये सीसीटीवी की आपूर्ति करने वाली कम्पनी से सम्पर्क साधा। मंहगाई का ग्राफ बढने से कम्पनी के प्रतिनिधियों ने रेटों के दामों मे इजाफा होने की बात कही। सूत्रों का कहना है कि इस प्रक्रिया की वजह से कमीशन कम होने की बात सामने आयी।

प्रभारी शोध अधिकारी ने जब इस बात की जानकारी विभाग के मुखिया आईजी जेल को दी तो वह भड़क गये। इस घटना के चंद दिनों बाद ही आईजी जेल ने आनन फानन मे नजारत अनुभाग के प्रभारी एवं शोध अधिकारी के.बी जोशी को पद से हटाये जाने का फरमान जारी कर दिया। आईजी जेल के एकाएक लिये गये इस निर्णय से कारागार मुख्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारियों मे अफरा-तफरी मच गयी। आईजी जेल ने हटाये गये नजारत  अनुभाग के शोध अधिकारी की जिम्मेदारी गोरखपुर परिक्षेत्र के डीआईजी जेल एवं डीआईजी मुख्यालय का प्रभार देख रहे डीआईजी आर.पी. सिंह को सौंप दी। जानकारों का कहना है कि दो स्थानों पर डीआईजी का प्रभार देख रहे एक अधिकारी को नजारत अनुभाग की जिम्मेदारी सौपने के निर्णय ने आईजी जेल की कार्य प्रणाली पर सवाल खडे कर दिये है।

आईजी जेल के अधिकारियों को मनमाफिक प्रभार सौपे जाने से को लेकर विभागीय अधिकारियों मे तमाम तरह के कयास लगाये जा रहे है। चर्चा है कि भर्ती मे अनिमिताओं के आरोप मे अन्य जनपदो मे अटैच  किये गये अधिकारियों की जिम्मेदारी दूरदराज के अधिकारियों को सौंप दी गयी है। उधर इस बाबत जब महानिरक्षक कारागार देवेन्द्र सिंह चौहान से बातचीत कर गयी तो उन्होने इस सम्बन्ध मे कुछ भी बोलने से मना कर दिया।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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