अन्तर्राष्ट्रीय
‘भारत-पाकिस्तान वार्ता के लिए भारत को राजी करे अमेरिका’
वाशिंगटन। दक्षिण एशिया में तनाव में कमी लाने के लिए अमेरिका के एक शीर्ष थिंक टैंक ने ओबामा प्रशासन से आग्रह किया है कि पाकिस्तान के साथ वार्ता फिर से शुरू करने के लिए वह भारत को राजी करे। समाचार पत्र डान की शनिवार की एक रपट के मुताबिक, काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (सीएफआर) ने भारत की चिंता को दूर करने के लिए अफगानिस्तान में साल 2017 तक अमेरिकी सुरक्षा बलों की तैनाती बनाए रखने का अमेरिका पर दबाव डाला है।
सीएफआर की एक रपट के मुताबिक, “दोनों देशों के बीच संघर्ष भारत के विकास को प्रभावित कर सकता है, जिसके निराकरण के लिए अमेरिका को पाकिस्तान के साथ संबंधों को सुधारने के लिए भारत को उत्साहित करना चाहिए, जो व्यापार संपर्क में इजाफा के माध्यम से शुरू हो।” सीएफआर टास्क फोर्स ऑफ अमेरिकन स्कॉलर्स द्वारा तैयार रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान से अमेरिका और अन्य बाह्य सुरक्षाबलों की वापसी क्षेत्रीय स्थिरता के बारे में भारत की चिंता में और इजाफा कर रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, “टास्क फोर्स ने सिफारिश की है कि अमेरिका अफगानिस्तान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का विस्तार करे, कम से कम राष्ट्रपति बराक ओबामा अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की धीरे-धीरे वापसी और देश में लगभग पांच हजार अमेरिकी सैनिकों को साल 2017 तक तैनात रखने का फैसला लें।”
90 पन्नों की इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान के लिए अमेरिका की वर्तमान नीति भारत-अमेरिकी संबंधों को मजबूत होने में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद पर लगाम नहीं लगाता है, तो उसे किसी भी रक्षा उपकरण की बिक्री को बंद करना चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक, “अमेरिका पाकिस्तान को भारत और अफगानिस्तान दोनों के क्षेत्रों में, अपने क्षेत्र से उत्पन्न आतंकवाद से निपटने के लिए एक राज्य के रूप में अपने दायित्वों को पूरा करने की मांग करनी चाहिए।”
रिपोर्ट में कहा गया है, “यदि पाकिस्तान आतंकवाद पर लगाम नहीं लगाता है, तो वाशिंगटन को कम से कम अमेरिकी करदाताओं के फंड को रक्षा उपकरणों की बिक्री व गठबंधन समर्थित धनराशि की प्रतिपूर्ति को खत्म करने के लिए तैयार रहना चाहिए।”
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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