Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

खेल-कूद

एचडब्ल्यूएल फाइनल : 8 टीमों के बीच शुक्रवार से श्रेष्ठता की जंग

Published

on

Loading

रायपुर| साल 2015 के सबसे बड़े वैश्विक हॉकी आयोजन-हॉकी वर्ल्ड लीग (एचडब्ल्यूएल) फाइनल के दूसरे संस्करण का शुक्रवार को रायपुर के नवनिर्मित सरदार वल्लभ भाई पटेल स्टेडियम में आगाज हो रहा है। 6 दिसम्बर तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में 8 अग्रणी देशों की राष्ट्रीय टीमों के बीच श्रेष्ठता की जंग होगी।

अर्जेटीना और बेल्जियम में आयोजित एचडब्ल्यूएल सेमीफाइनल की शीर्ष-4 टीमों ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया है। एचडब्ल्यूएल फाइनल में इस साल का खिताब जीतने वाली टीम 2016 चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए सीधा प्रवेश पाने में सफल होगी।

एचडब्ल्यूएल फाइनल में हिस्सा ले रही सभी आठ टीमें ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी हैं। ऐसे में मेजबान भारत सहित यहां हिस्सा ले रही तमाम टीमों के बीच चैम्पियंस ट्रॉफी की सीट के अलावा एफआईएच वर्ल्ड रैंकिंग प्वाइंट पाने की जोरदार प्रतिस्पर्धा होगी।

पूल-ए (आस्ट्रेलिया, ग्रेट ब्रिटेन, कनाडा और बेल्जियम) :

एचडब्ल्यूएल फाइनल में हिस्सा लेने वाली सबसे सशक्त टीम आस्ट्रेलिया को माना जा रहा है। मौजूदा विश्व तथा ओसेनिया चैम्पियन आस्ट्रेलिया को विश्व वरीयता में पहला स्थान प्राप्त है और ग्रुप-ए में इसे प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा है।

बेल्जियम में आयोजित एचडब्ल्यूएल सेमीफाइनल में इस टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था और अभी हाल ही में इसने भारत को तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में हराया है। खास बात यह है कि यह टीम 11 दिन से रायपुर में है और यहां के माहौल में पूरी तरह रम चुकी है। इसका उसे निश्चित तौर पर फायदा मिलेगा।

पूल-ए में आस्ट्रेलिया के साथ ग्रेट ब्रिटेन, बेल्जियम और कनाडा हैं। ब्रिटेन (विश्व नम्बर-4) एचडब्ल्यूएल फाइनल की तुलना में बदली हुई टीम के तौर पर रायपुर पहुंची है। इस टीम में कप्तान बैरी मिडिलटन और उसके सर्वोच्च स्कोरर एश्ले जैक्सन नहीं हैं।

32 साल के डिफेंडर डान फॉक्स पर कप्तानी की जिम्मेदारी है और मिडिलटन की गैरमौजूदगी में हैरी मार्टिन, साइमन मैंटेल और मिडफील्डर निक काटलिन इसे अनुभव प्रदान करेंगे।

विश्व की सातवीं वरीयता प्राप्त टीम बेल्जियम को एचडब्ल्यूएल सेमीफाइनल के फाइनल में आस्ट्रेलिया से कम अंतर की हार मिली थी। यह टीम अनुभव में नहीं लेकिन तकनीक और दमखम में दूसरी टीमों से किसी भी मायने में कम नहीं। यह नए मुख्य कोच शेन मैकलियोड के साथ यहां पहुंची है। ऐसे में इसके खेल में भी बदलाव की भी उम्मीद की जा रही है।

विश्व की 14वीं वरीय कनाडा की टीम यहां खेल रही सबसे नीचे वरीयता की टीम है। इस टीम की कहानियां हालांकि काफी उत्साहवर्धक है। इस टीम ने बीते 18 महीनों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। एचडब्ल्यूएल राउंड-2 में इसने तीसरा स्थान हासिल किया और फिर एचडब्ल्यूएल सेमीफाइनल में यह चौथे स्थान पर रही। पूल-ए में यह टीम दूसरी टीमों के लिए सिरदर्द बन सकती है।

पूल-बी (भारत, जर्मनी, अजेंटीना, नीदरलैंड्स) :

पूल-बी में यूरोपीयन व मौजूदा एचडब्ल्यूएल चैम्पियन नीदरलैंड्स की चर्चा सबसे पहले होनी चाहिए। विश्व की दूसरी वरीयता प्राप्त टीम एचडब्ल्यूएल सेमीफाइनल में तीसरे स्थान के साथ रियो ओलम्पिक के लि टिकट कटा चुकी है और अब उसका लक्ष्य चैम्पियंस ट्रॉफी की सीट है।

कोच मैक्स काल्डास की देखरेख में यह टीम असम्भव को सम्भव बना सकती है। इस टीम ने पूल-बी में ही रखे गए जर्मनी को हराकर यूनिबेट यूरोहॉकी चैम्पियनशिप का खिताब जीत है। उसने फाइनल में जर्मनी जैसी शक्तिशाली टीम को 6-1 से हराया था।

पूल-बी में नीदरलैंड्स को जर्मनी से कड़ी टक्कर मिलेगी। साथ ही साथ इसमें भारत और अजेंटीना भी इसे टक्कर देंगे। खास बात यह है कि इस ग्रुप की सभी टीमें किसी भी टीम को हराने की क्षमता रखती हैं।

विश्व की तीसरी वरीयता प्राप्त टीम के तौर पर जर्मनी के पास मौजूदा चैम्पियंस ट्रॉफी खिताब है। यह टीम ब्यूनस आयर्स में आयोजित एचडब्ल्यूएल सेमीफाइनल की विजेता रही है। उसे हालांकि अपने महान कोच मार्कस वीस की गैरमौजूदगी में जीत का क्रम जारी रखने के लिए संघर्ष करना होगा। वीस ने डीएफबी में नया करियर शुरू करने के लिए इस्तीफा दे दिया है।

जर्मनी के पास हालांकि तोबाएस हाउके, मोरित्स फुस्र्त, क्रिस्टोफर रुर और फ्लोरियन फुच के रूप मे ऐसे खिलाड़ी हैं, जो किसी भी परिस्थिति में अपन टीम को जीत दिला सकते हैं।

इस ग्रुप में पैन अमेरिकन चैम्पियन अजेंटीना के कम आंकना भूल हो सकती है। बीते साल इस टीम ने विश्व कप में कांस्य पदक जीता था और इसके बाद से इसने लगातार तरक्की करते हुए विश्व वरीयता में पांचवां स्थान हासिल किया है। साथ ही साथ यह टीम ब्यूनस आयर्स में आयोजित एचडब्ल्यूएल सेमीफाइनल में दूसरे स्थान पर रही थी।

लुकास विला इस टीम के क्रिएटिव मास्टरमाइंड माने जाते हैं। वह तथा 2014 के एफआईएच यंग प्लेअर ऑफ द इअर चुने गए गोंजालो पिलाट पेनाल्टी कार्नर के हालात में सटीकता से गोल कर सकते हैं।

अब बात मेजबान भारत की। मुख्य कोच रोएलांट ओल्टमैंस के मुताबिक एशियाई चैम्पियन और विश्व की छठी वरीय टीम ने हाल के दिनों में जबरदस्त सुधार दिखाया है। आस्ट्रेलिया के साथ आयोजित तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में यह सुधार दिखा भी।

बेल्जियम में आयोजित एचडब्ल्यूएल सेमीफाइनल में यह टीम चौथे स्थान पर रही थी और अब यह अपने घरेलू दर्शकों के सामने पहले ग्रुप स्तर और फिर नॉकआउट स्तर पर शीर्ष टीमों को टक्कर देने के लिए तैयार है।

एचडब्ल्यूएल फाइनल-2015 का आगाज भारत तथा अजेंटीना के बीच होने वाले ग्रुप-बी मुकाबले से होगा। यह स्थान हॉकी के लिए नया नहीं लेकिन यहां के हॉकी प्रेमियों के लिएपहली बार किसी इलीट हॉकी टूर्नामेंट का मेजबान होना खास बात है।

ऐसे मे 18 करोड़ की लागत से बने सरदार पटेल स्टेडिमय में अगले नौ दिनों तक हर व्यक्ति हॉकी के रंग में रंगा दिखे तो हैरानी नहीं होनी चाहिए।

खेल-कूद

IND VS AUS: पर्थ में भारतीय गेंदबाजों का कहर, बैकफुट पर ऑस्ट्रेलिया, 67 रनों पर गंवाए 7 विकेट

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पर्थ टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर धकेल दिया है। भारत के पहली पारी में 150 रनों के जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम सात विकेट खोकर 67 रन ही बना पाई है। ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत खराब रही थी। तीसरे ही ओवर में बुमराह ने नाथन मैकस्वीनी को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। वह 10 रन बना सके। इसके बाद बुमराह ने उस्मान ख्वाजा को कोहली के हाथों कैच कराया, फिर अगली ही गेंद पर स्टीव स्मिथ को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। ख्वाजा आठ रन और स्मिथ खाता नहीं खोल सके। ट्रेविस हेड को डेब्यू कर रहे तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने क्लीन बोल्ड किया। वह 11 रन बना सके। वहीं, मिचेल मार्श छह रन बनाकर मोहम्मद सिराज का शिकार बने। सिराज ने इसके बाद लाबुशेन को एल्बीडब्ल्यू किया। वह 52 गेंद में दो रन बना सके। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस को भारतीय कप्तान बुमराह ने पंत के हाथों कैच कराया। वह तीन रन बना सके। फिलहाल एलेक्स कैरी 19 रन और मिचेल स्टार्क छह रन बनाकर नाबाद हैं। बुमराह के अलावा मोहम्मद सिराज ने दो विकेट लिए, जबकि हर्षित राणा को एक विकेट मिला।

भारतीय पारी

पर्थ के मैदान पर टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की एक बार फिर पोल खुल गई। 49.4 ओवर खेलकर ही भारत की पूरी टीम सिर्फ 150 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सके। टीम इंडिया की शुरुआत ही बेहद खराब हुई। यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए। देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपने नाम के आगे एक रन तक नहीं लिखवा सके। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली से फैन्स को काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, विराट का किस्मत ने एक बार फिर साथ नहीं दिया और वह जोश हेजलवुड के हाथ से निकली बेहतरीन गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। भोजनकाल से पहले 23वें ओवर में मिचेल स्टार्क ने के एल राहुल (26) को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।

लंच के बाद चार विकेट पर 51 रन के आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे सेशन में 24.4 ओवर में मात्र 99 रन ही जोड़ पाई और बचे हुए बाकी विकेट गवां दिये। 59 के स्कोर पर भारतीय टीम को पांचवां झटका लगा। मिचेल मार्श ने ध्रुव जुरेल को मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। जुरेल 11 रन बनाकर आउट हुए।

इसके बाद वॉश‍िंगटन सुंदर मात्र चार रन बनाकर म‍िचेल मार्श की गेंद पर व‍िकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। भारत ने छह विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारत को सातवां झटका ऋषभ पंत के रूप में लगा। वह 37 रन बनाकर पैट कम‍िंंस की गेंद पर दूसरी स्ल‍िप में खड़े स्टीव स्म‍िथ को कैच थमा बैठे।
इसके बाद हर्ष‍ित राणा मात्र 7 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर मार्नस लॉबुशेन को कैच थमा बैठे। भारत का नौवां विकेट जसप्रीत बुमराह के रूप में गिरा, जो जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। वहीं आखिरी विकेट नीतीश रेड्डी का गिरा। रेड्डी को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों कैच आउट कराया।

 

Continue Reading

Trending