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प्रादेशिक

हिमाचल विधानसभा सत्र हंगामेदार होने के आसार

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शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र सोमवार से धर्मशाला शहर में शुरू हो रहा है। इस सत्र में विपक्षी दल भाजपा सत्तारूढ़ कांग्रेस को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर घेर सकती है, जिससे यह सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं। दूसरी और सरकार पिछले तीन साल की अपनी उपलब्धियों को उजागर करने की कोशिश करेगी।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कहा, “हम भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों पर मुख्यमंत्री को पद से हटाने के मुख्य मुद्दे को नहीं छोड़ेंगे।” उन्होंने कहा कि यह मांग विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह उठाई जाएगी। उन्होंने कहा, “हम धर्मशाला में दो दिसंबर को विधानसभा के बाहर एक बड़ा विरोध प्रदर्शन आयोजित करने जा रहे हैं।”

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इसी महीने मुख्यमंत्री के खिलाफ मनी लॉडरिंग का मामला दर्ज किया है, जिसके बाद वह मुश्किलों में घिर गए हैं। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 20 नवंबर को तीन राज्यों में छापेमारी की थी। वीरभद्र को 27 नवंबर को सम्मन भी जारी किया गया था। वीरभद्र के खिलाफ सीबीआई द्वारा सितंबर में दर्ज एक आपराधिक मामले को संज्ञान में लेते हुए ईडी ने उनके खिलाफ मनी लॉन्डरिंग रोकथाम अधिनियम के तहत आरोप लगाए हैं।

संसदीय मामलों के मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आईएएनएस से कहा, “हमारी सरकार 25 दिसंबर को अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे करने जा रही है। विधानसभा में पहली बार अपनी उपलब्धियां उजागर करेंगे।” इसके अलावा उन्होंने कहा कि वह किसी भी मुद्दे पर बहस के लिए तैयार हैं। वहीं भाजपा नेताओं ने कहा कि वह आक्रामक तरीके से विधानसभा में सभी मुद्दे उठाएंगे।

भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज ने कहा, “सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति मामले में मुख्यमंत्री के आवासों(दिल्ली और शिमला में) पर छापेमारी की है। दूसरा मामला ईडी ने दर्ज किया है। यह निश्चित रूप से हमारा मूल मुद्दा होगा।” उन्होंने कहा कि दिन-प्रतिदिन की रणनीति सरकार की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगी।

वहीं भारद्वाज ने कहा, “आप पूरे राज्य में सड़कों की बिगड़ती हालत देख रहे हैं। हम विधानसभा में इस मुद्दे को भी उठाएंगे।” धर्मशाला में आयोजित पांच-दिवसीय विधानसभा सत्र में विधायकों की तरफ से 200 तारांकित और 81 गैरतारांकित प्रश्न होंगे।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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