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रक्षा मंत्री पर्रिकर ने दिए राजनीति से संन्यास के संकेत, फिर बयान से पलटे

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पणजी। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने राजनीति से संन्यास लेने का संकेत देकर कई अटकलों को जन्म दे दिया। हालांकि बाद में मामले के तूल पकड़ने पर उन्होंने कहा कि उनके बयान को संन्यास से न जोड़ा जाए। पर्रिकर ने कहा कि मैंने ये बयान गंभीरतापूर्वक नहीं, बल्कि हल्के मंं दिया था।

पणजी से 10 किलोमीटर उत्तर में स्थित मापुसा शहर में रविवार को लोकमान्य बहुउद्देशीय सहकारी ऋण सोसायटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने पर्रिकर ने कहा कि 60 साल पूरे होने पर लोगों को अपने रिटायरमेंट के बारे में सोचना चाहिए। 13 दिसंबर को मैं 60 साल का हो जाऊंगा। इसे देखते हुए मैंने दो-तीन साल पहले से ही इसके बारे में सोचना शुरू कर दिया था। बड़ी जिम्मेदारी निभाने के प्रति मेरे मन में कोई दिलचस्पी नहीं है।

गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री पर्रिकर ने यह भी कहा कि उनका ध्यान राज्य पर हमेशा रहेगा और साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर राज्य सरकार गलत रास्ते पर चलेगी, तो वह उसे सही रास्ते पर लाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने गोवा जैसे छोटे राज्य में विश्वसनीय नेतृत्व के संकट को भी स्वीकार किया।

उल्लेखनीय है कि 2012 में पर्रिकर ने गोवा के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली थी। इसके बाद पिछले साल उनको केंद्र की एनडीए सरकार में रक्षा मंत्री के तौर पर शामिल किया गया। 2000 में पर्रिकर गोवा के बीजेपी के पहले सीएम बने थे। 2005 तक उनका पहला कार्यकाल रहा।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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