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नेशनल

न्यायालय के फैसले का सम्मान करता हूं : गोविंदा

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मुंबई| सात साल पहले एक प्रशंसक को थप्पड़ मारने के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने गोविंदा को उस प्रशंसक से माफी मांगने के लिए कहा था। इस फैसले पर गोविंदा का कहना है कि उनके लिए न्यायालय का फैसला सर्वोपरि है और वह उसका सम्मान करेंगे। गोविंदा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “जब तक मुझे न्यायालय से पत्र नहीं मिलता, मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता। मेरे लिए न्यायालय का फैसला सवरेपरि है और मैं उसका सम्मान करूंगा।”

गोविंदा ने उस प्रशंसक के बारे में कहा, “वह व्यक्ति यहां का निवासी नहीं है, हैरानी की बात है कि उस बात को हुए 10 साल बीत चुके हैं और अब यह सब हो रहा है।”

2008 में अपनी फिल्म ‘मनी है तो हनी है’ के सेट पर संतोष बटेश्वर रे को थप्पड़ मारते गोविंदा की तस्वीर कैमरे में कैद हो गई थी।

गोविंदा ने कहा, “इतने वर्षो बाद इस मामले का फिर से उठना सामान्य नहीं है। कोई भी प्रशंसक इस प्रकार का व्यवहार नहीं करता। प्रशंसक कलाकारों को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाते हैं।”

गोविंदा ने आगे यह भी कहा, “मेरा किसी को तकलीफ पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। मैं जिस व्यक्ति को जानता भी नहीं उसके लिए मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं हो सकता।”

न्यायमूर्ति टी. एस. ठाकुर और न्यायमूर्ति वी. गोपाल गौड़ा की एक पीठ ने गोविंदा को नसीहत दी थी कि वह एक बड़े हीरो हैं, इसलिए उन्हें अपना बड़ा दिल दिखाना चाहिए और माफी मांगकर मामले को समाप्त कर देना चाहिए।

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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