बिजनेस
विकास चीन में सुधारों की सफलता की कुंजी : मूडीज
बीजिंग। चीन में किए जा रहे सुधार की सफलता के लिए ऐसे विकास इंजन की खोज करना जरूरी है, जो कर्ज पर निर्भर नहीं हो। यह बात रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कही है। मूडीज ने बुधवार को जारी एक रपट में कहा कि चीन में विकास का पुराना मॉडल अब टिकाऊ नहीं है, क्योंकि इससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले कर्ज का अनुपात बढ़ा है, पूंजी की उत्पादकता घटी है और उत्पादक मूल्य घटा है।
मूडीज के प्रबंध निदेशक और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के मुख्य क्रेडिट अधिकारी माइकल टेलर ने कहा, “यदि इस अनुपात को टिकाऊ स्तर पर लाना है, तो चीन को ऐसे विकास इंजन की खोज करनी होगी, जो निवेश के लिए कर्ज पर कम निर्भर हो।”
रपट में कहा गया है कि इस संदर्भ में सुधार और संतुलन स्थापित करना जरूरी है, लेकिन इसके लिए एक जटिल और कष्टसाध्य बदलाव की प्रक्रिया से गुजरना होगा और अर्थव्यवस्था को टिकाऊ मार्ग पर रखने के लिए विकास दर को पहले की अपेक्षा घटाना होगा।
उन्होंने सेवा और ई-कॉमर्स का उदाहरण दिया, जिसमें कम पूंजी निवेश की जरूरत होती है और जो विकास का नया इंजन बन सकता है।
मूडीज ने कहा कि आर्थिक संतुलन स्थापित करने के लिए नीतिगत स्तर पर अधिक सहयोग की जरूरत होगी, जिसमें मौद्रिक नीति में और नरमी लाना और वित्तीय प्रोत्साहन शामिल है।
बिजनेस
जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।
NCLT को लगाई फटकार
पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।
शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।
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