बिजनेस
विकास चीन में सुधारों की सफलता की कुंजी : मूडीज
बीजिंग। चीन में किए जा रहे सुधार की सफलता के लिए ऐसे विकास इंजन की खोज करना जरूरी है, जो कर्ज पर निर्भर नहीं हो। यह बात रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कही है। मूडीज ने बुधवार को जारी एक रपट में कहा कि चीन में विकास का पुराना मॉडल अब टिकाऊ नहीं है, क्योंकि इससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले कर्ज का अनुपात बढ़ा है, पूंजी की उत्पादकता घटी है और उत्पादक मूल्य घटा है।
मूडीज के प्रबंध निदेशक और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के मुख्य क्रेडिट अधिकारी माइकल टेलर ने कहा, “यदि इस अनुपात को टिकाऊ स्तर पर लाना है, तो चीन को ऐसे विकास इंजन की खोज करनी होगी, जो निवेश के लिए कर्ज पर कम निर्भर हो।”
रपट में कहा गया है कि इस संदर्भ में सुधार और संतुलन स्थापित करना जरूरी है, लेकिन इसके लिए एक जटिल और कष्टसाध्य बदलाव की प्रक्रिया से गुजरना होगा और अर्थव्यवस्था को टिकाऊ मार्ग पर रखने के लिए विकास दर को पहले की अपेक्षा घटाना होगा।
उन्होंने सेवा और ई-कॉमर्स का उदाहरण दिया, जिसमें कम पूंजी निवेश की जरूरत होती है और जो विकास का नया इंजन बन सकता है।
मूडीज ने कहा कि आर्थिक संतुलन स्थापित करने के लिए नीतिगत स्तर पर अधिक सहयोग की जरूरत होगी, जिसमें मौद्रिक नीति में और नरमी लाना और वित्तीय प्रोत्साहन शामिल है।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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